अक्तूबर में नहीं खोला जाना था मोरबी पुल, बिना फिटनेस सर्टिफिकेट कैसे हो गया उद्घाटन

गुजरात के मोरबी में जिस पुल के गिरने से 135 लोगों की जान चली गई, दरअसल वह अक्तूबर में खोला ही नहीं जाना था। इस पुल को डेढ़ महीने बाद यानी दिसंबर में खोले जाने की तैयारी हो रही थी। यही नहीं इस पुल को शुरू करने से पहले टेक्निकल कमेटी की ओर से जो फिटनेस सर्टिफिकेट जारी किए जाने थे, उनमें से कई प्रमाण पत्र जारी भी नहीं हो सके थे। इस घटना के लिए बनाई गई जांच कमेटी को शुरुआती दौर में फिलहाल कुछ ऐसी ही जानकारियां मिल रही हैं। सूत्रों के मुताबिक जल्द ही कमेटी अपनी रिपोर्ट जिम्मेदार अधिकारियों को सौंप देगी और उसके बाद मोरबी पुल घटना के जिम्मेदारों के ऊपर कड़ी कार्रवाई तय है।

हाई पावर कमेटी ने जांच शुरू की 
मोरबी पुल हादसे की हाई पावर कमेटी ने जांच शुरू कर दी है। सूत्रों का कहना है कि जांच कमेटी ने पुल की टेक्निकल सर्टिफिकेट से लेकर पुल को शुरू करने की आधिकारिक तारीख और वजन सहने की क्षमता से लेकर पुल की मरम्मत में किए गए कार्य की जानकारी एकत्रित करनी शुरू की है। सूत्रों का कहना है कि अभी जांच कमेटी किसी निष्कर्ष पर तो नहीं पहुंची है लेकिन शुरुआती जांच में यही पाया जा रहा है कि पुल को शुरू करने में जल्दबाजी की गई है। दरअसल, जो पुल 26 अक्टूबर को मोरबी में खोला गया उसे दिसंबर में खोले जाने की तैयारी की बात सामने आ रही है। स्थानीय नागरिक संघर्ष समिति से जुड़े हरीश दोशी कहते हैं कि गुजरात में बेस्तु वरस यानी गुजरात नववर्ष की शुरुआत 26 तारीख से ही हुई है। शायद यही वजह रही कि जो पुल दिसंबर में शुरू होना था उसको 26 अक्टूबर से ही शुरू कर दिया गया। लेकिन इसकी फिटनेस अधूरी थी। सूत्रों का कहना है कि जांच कमेटी भी इसी दिशा में जांच कर रही है कि जब पुल को दिसंबर में शुरू किया जाना था तो अक्टूबर में उसे कैसे शुरू कर दिया गया।

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