दिल्ली उच्च न्यायालय ने 1997 के उपहार सिनेमा अग्निकांड में सबूतों से छेड़छाड़ को लेकर रियल एस्टेट कारोबारी सुशील और गोपाल अंसल की दोषसिद्धि एवं सजा रद्द करने की उनकी याचिका पर मंगलवार को शहर की पुलिस से जवाब मांगा। सुशील अंसल ने 13 जून 1997 को हुए अग्निकांड से जुड़े इस मामले में अपनी कैद की सजा पहले ही पूरी कर ली है। इस घटना में 59 लोगों की मौत हो गयी थी। न्यायमूर्ति पुरुषेंद्र कुमार कौरव ने 83 वर्षीय सुशील अंसल की याचिका पर दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी किया और मामले पर अगली सुनवाई के लिए 13 दिसंबर की तारीख तय की है।इस बीच, उच्च न्यायालय ने अंसल के तत्कालीन कर्मचारी पी पी बत्रा के खिलाफ जमानती वारंट जारी किया है क्योंकि सबूतों से छेड़छाड़ के मामले में दोषियों की सजा बढ़ाए जाने की पीड़ितों की याचिका पर सुनवाई के दौरान न तो वह और न ही उनका वकील अदालत में पेश हुआ। उच्च न्यायालय दो अलग-अलग याचिकाओं पर सुनवाई कर रहा है। एक याचिका सुशील अंसल ने अपनी दोषसिद्धि और सजा को चुनौती देते हुए दायर की है, जबकि दूसरी याचिका सबूतों से छेड़छाड़ के मामले में दोषियों को सुनाई गई सजा की अवधि बढ़ाए जाने को लेकर है। यह दूसरी याचिका ‘एसोसिएशन ऑफ विक्टिम्स ऑफ उपहार ट्रेजेडी’ (एवीयूटी) ने दायर की थी।