भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ आंदोलन कर रहे पहलवानों ने अपने मेडल गंगा में बहाने का एलान किया है। बजरंग पूनिया और साक्षी मलिक ने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए लिखा है कि वह हरिद्वार में आज (मंगलवार) शाम छह बजे अपने मेडल गंगा में प्रवाहित करेंगे और जिसके बाद इंडिया गेट पर आमरण अनशन पर बैठ जाएंगे।
गले में सजे इन मेडलों का कोई मतलब नहीं रह गया
अब लग रहा है कि हमारे गले में सजे इन मेडलों का कोई मतलब नहीं रह गया है, इनको लौटाने की सोचने भर से हमें मौत लग रही थी, लेकिन अपने आत्म सम्मान के साथ समझौता करके भी क्या जीना। यह सवाल आया कि किसे लौटाएं. हमारी राष्ट्रपति को, जो खुद एक महिला हैं, मन ने ना कहा, क्योंकि वह हमसे सिर्फ दो किलोमीटर बैठी देखती रहीं, लेकिन कुछ भी बोली नहीं।
04:39 PM, 30-MAY-2023
पूरा तंत्र हमें तोड़ने और डराने में लगा हुआ
अब लग रहा है कि क्यों जीते थे, क्या इसलिए जीते थे कि तंत्र हमारे साथ ऐसा घटिया व्यवहार करें, हमें घसीटे और फिर हमें ही अपराधी बना दे। कल पूरा दिन हमारी कई महिला पहलवान खेतों में छिपती फिरी हैं। तंत्र को पकड़ना उत्पीड़क को चाहिए था, लेकिन वह पीड़ित महिलाओं को उनका धरना खत्म करवाने, उन्हें तोड़ने और डराने में लगा हुआ है।
04:28 PM, 30-MAY-2023
इस देश में हमारा कुछ नहीं बचा
पोस्ट में आगे लिखा है क्या महिला पहलवानों ने अपने साथ हुए यौन उत्पीड़न के लिए न्याय मांगकर कोई अपराध कर दिया है, पुलिस और तंत्र हमारे साथ अपराधियों जैसा व्यवहार कर रही है, जबकि उत्पीड़क खुली सभाओं में हमारे ऊपर फबतियां कस रहा है। टीवी पर महिला पहलवानों को असहज कर देने वाली अपनी घटनाओं को कबूल करके उनको ठहाकों में तब्दील कर दे रहा है। यहां तक कि पास्को एक्ट को बदलवाने की बात सरेआम कह रहा है, हम महिला पहलवान अंदर से ऐसा महसूस कर रही हैं कि इस देश में हमारा कुछ बचा नहीं है, हमें वे पल याद आ रहे हैं जब हमने ओलंपिक, वर्ल्ड चैंपियनशिप में मेडल जीते थे।