उदयपुर: कन्हैया लाल के परिवार से मिले सचिन पायलट

उदयपुर में कन्हैयालाल की निर्मम हत्या को लेकर गर कोई हैरान है। कन्हैयालाल के हत्यारे को गिरफ्तार भी कर लिया गया। इन सब के बीच कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने उदयपुर में कन्हैया लाल तेली के परिवार के सदस्यों से मुलाकात की है। मुलाकात के बाद सचिन पायलट ने कहा कि उदयपुर में जो घटना हुई वो इंसानियत के दायरे के बाहर है। जिस तरह से उनका कत्ल किया गया, वीडियो बनाई गई ये दहशत फैलाने का काम है। उन्होंने कहा कि आरोपियों को पकड़ा गया है लेकिन मैं मानता हूं कि फास्ट ट्रायल कोर्ट बनाकर जल्द से जल्द और सख्त सजा दी जानी चाहिए। कांग्रेस नेता आगे कहा कि इसके पीछे कोई संस्था है, या संगठन हैं… इसकी जड़ों तक पहुंचना पड़ेगा। मैं उनके परिवार से आज मिला, हम उनकी पूरी सहायता कर रहे हैं और सुरक्षा के इंतज़ाम किए गए हैं। इस घटना ने पूरे देश को झंकझोर कर रख दिया है।वहीं इससे पहले राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने उदयपुर में कन्हैयालाल की निर्मम हत्या को लेकर राज्य की कांग्रेस नीत सरकार पर निशाना साधा था। राजे ने कहा था कि ‘जब उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ऐसे आतंक के वातावरण को ख़त्म कर वहां शांति स्थापित सकते हैं तो राजस्थान में अशोक गहलोत ऐसा क्यों नहीं कर सकते।’ उन्होंने कहा कि लोगों में ख़ौफ़ और असुरक्षा की भावना पैदा हो गई है जिसे खत्म किया जाना चाहिए। भाजपा नेता राजे ने हत्याकांड के आरोपियों के लिये मौत की सजा की मांग की और बदलते समय में नए अपराधों से निपटने के लिये पुलिस बल को आधुनिक प्रशिक्षण देने की भी वकालत की। दर्जी कन्हैयालाल के परिजनों से उनके आवास पर मिलने के बाद राजे ने मीडिया से बातचीत की। उन्होंने कहा कि रोज मेहनत करके परिवार का पेट पालने वाले कन्हैयालाल को गहलोत नीत सरकार से सुरक्षा मिल जाती तो उनकी हत्या नहीं होती।

उदयपुर की घटना का एक आरोपी ‘भाजपा का सदस्य’: कांग्रेस

कांग्रेस ने आरोप लगाया कि उदयपुर में एक दर्जी की निर्मम हत्या के दो आरोपियों में से एक ‘भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का सदस्य’ है। पार्टी के मीडिया एवं प्रचार प्रमुख पवन खेड़ा ने यह सवाल भी किया कि क्या एक आरोपी के ‘भाजपा का सदस्य’ होने के कारण ही केंद्र सरकार ने आनन-फानन में इस मामले की जांच राष्ट्रीय अन्वेषण एजेंसी (एनआईए) को सौंपने का फैसला किया? उधर, कांग्रेस नेता रेणुका चौधरी के इसी तरह के आरोप को खारिज करते हुए भाजपा के आईटी प्रकोष्ठ के प्रमुख अमित मालवीय ने कहा कि यह ‘फर्जी खबर’ है। खेड़ा ने कहा कि राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस मामले की जांच एनआईए को हस्तांतरित किए जाने का स्वागत किया है, लेकिन नए तथ्य सामने आने पर यह सवाल उठ रहा है कि क्या केंद्र की भाजपा सरकार ने इन्हीं कारणों से इस घटना की जांच को जल्दबाजी में एनआईए को सौंपने का फैसला किया है?

 

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