केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने एक कार्यक्रम को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने ओडिशा की संस्कृति का भी जिक्र किया और आजादी की लड़ाई में यहां के लोगों के योगदान को भी सराहा। इसके साथ ही उन्होंने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि संविधान सभा हर प्रदेश और हर वर्ग का प्रतिनिधित्व करती थी लेकिन संविधान सभा में एक कमी थी कि उसमें एक भी आदिवासी महिला का स्थान नहीं था। आज द्रौपदी मुर्मू राष्ट्रपति भवन में महामहिम बनकर विराजी हैं। केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि मैं उत्कल के सभी लोगों को अपनी हार्दिक बधाई देना चाहता हूं क्योंकि यहां एक गरीब परिवार में पैदा हुई द्रौपदी मुर्मू आज राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू हैं। आपको बता दें कि हाल में ही राष्ट्रपति चुनाव हुए थे जिसमें भाजपा के नेतृत्व वाली एनडीए ने द्रौपदी मुर्मू को अपना उम्मीदवार बनाया था। द्रौपदी मुर्मू को इस चुनाव में जीत मिली थी और वह देश के राष्ट्रपति हैं। यह देश में ऐसा पहला मौका है जब कोई आदिवासी राष्ट्रपति हैं। वही द्रौपदी मुर्मू देश की दूसरी महिला राष्ट्रपति हैं। इससे पहले प्रतिभा देवी सिंह पाटिल राष्ट्रपति रह चुकी हैं। इससे पहले गृह मंत्री अमित शाह ने श्रावण मास के अंतिम सोमवार को श्री लिंगराज मंदिर में जलाभिषेक कर अपनी ओडिशा यात्रा शुरू की। उन्होंने कड़ी सुरक्षा के बीच 11वीं सदी के भगवान शिव के मंदिर में लगभग 20 मिनट बिताए। केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, भुवनेश्वर से सांसद अपराजिता सारंगी और भाजपा के अन्य वरिष्ठ नेताओं के साथ आए शाह ने मंदिर के बाहर कतार में खड़े श्रद्धालुओं का अभिवादन किया। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता शाह के मंदिर दर्शन के दौरान पुलिस बल की दस पलटनों को तैनात किया गया था।