कर्नाटक कांग्रेस और जेडीएस ने तेलंगाना प्रकरण को लेकर बीजेपी पर साधा निशाना

तेलंगाना में टीआरएस विधायकों की खरीद-फरोख्त की खबर सामने आने के बाद सियासत गरमा गई है। इस मामले में तीन लोगों को हिरासत में लिया गया है। कर्नाटक में विपक्षी दलों ने लोकतंत्र की कीमत पर इंजीनियरिंग दलबदल के लिए भाजपा पर निशाना साधा। ट्वीट्स की सीरिज के जरिये कर्नाटक कांग्रेस ने बीजेपी की ‘खरीद-फरोख्त’ की रणनीति पर हमला किया और सत्तारूढ़ पार्टी के विधायकों को कथित रूप से दिए गए धन के स्रोत पर सवाल उठाया। कांग्रेस ने #BJPKilsDemocracy हैशटैग के साथ ट्वीट करते हुए पूछा कि  तेलंगाना में सत्ताधारी पार्टी के विधायकों को दलबदल के लिए ऑपरेशन लोटस के तहत 100 करोड़ रुपये की पेशकश की गई थी और प्रत्येक विधायक को 50 करोड़ रुपये की पेशकश की गई थी। पैसा कहाँ से आया?’ऑपरेशन लोटस’ एक ऐसा शब्द है जिसका इस्तेमाल बीजेपी द्वारा विभिन्न राज्यों में सरकारों को गिराने के लिए विपक्षी विधायकों को अपने कब्जे में लेने के प्रयासों के लिए किया जाता है। वैसे कर्नाटक के लिए ‘ऑपरेशन लोटस’ कोई नया शब्द नहीं है। 2008 में पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा संसदीय पैनल के सदस्य बी एस येदियुरप्पा के तहत राज्य में इस तरह के पहले कई घटनाक्रम देखने को मिले हैं। इस ऑपरेशन को 2019 में दोहराया गया था जब कांग्रेस-जेडी के 17 विधायक थे। एच डी कुमारस्वामी के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार 2019 में भाजपा में शामिल हो गई।कांग्रेस ने कहा कि लोकतंत्र की हत्या करने वाले ऑपरेशन लोटस की महामारी कोरोना महामारी से भी ज्यादा खतरनाक है। कर्नाटक में पैदा हुई बीमारी अब पूरे देश में फैल रही है और लोकतंत्र की हत्या कर रही है। बीजेपी पर आरोप हैं कि उन्होंने विधायकों को खरीदने के लिए 7,000-8,000 करोड़ रुपये खर्च किए हैं। कर्नाटक, गोवा और महाराष्ट्र के बाद अब भ्रष्ट धन तेलंगाना पहुंच गया है।’ क्या आईटी, (और) ईडी बीजेपी के घरों में घुसने से डरते हैं?

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *