कर्नाटक की राजनीति का गेंम चेंजर रहा है ये मैदान, कांग्रेस की सरकार

बेंगुलुरू के दो ईदगाह मैदान को लेकर दो अदालतों ने अलग-अलग फैसले दिए हैं। पहले फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने बेंगलुरु के ईदगाह मैदान में गणेश चतुर्थी के आयोजन की अनुमति देने से इनकार कर दिया। वहीं दूसरे फैसले में कर्नाटक हाई कोर्ट की तरफ से हुबली के ईदगाह मैदान पर गणेशोत्सव की अनुमति दे दी गई। बेंगलुरु का चामराजपेट ईदगाह मैदान शहर के केंद्र में स्थित है। लेकिन ये मैदान इन दिनों काफी सुर्खियों में है। करीब 1600 पुलिसकर्मियों का एक मैदान में फ्लैग मार्च करता वीडियो बीते दिनों खूब चर्चा में रहा। मैदान को जैसे पूरी तरह से छावनी में तब्दिल कर दिया गया हो। इस मैदान पर किसी भी तरह की अनहोनी को रोकने के लिए तीन डीसीपी 21 एसीपी और 49 पुलिस इंस्पेक्टर की तैनाती से ही आपको इसकी संवेदनशीलता का अंदाजा लग जाएगा। इतना ही नहीं 130 पीएसआई और रैपिड एक्शन फोर्स को भी मैदान में तैनात किया गया। ईदगाद मैदान पर नमाज पढ़ी जा सकती है। मोहर्रम और बकरीद भी मनाई जा सकती है। लेकिन गणेश चतुर्थी नहीं मनाई जा सकती है। आखिर क्या है ईदगाह मैदान का पूरा सच। क्या है इसका इतिहास। आज आपको बेंगलुरु के चामराजपेट ईदगाह और हुबली ईदगाह की पूरी कहानी बताते हैं। दावों और सवालों की पूरी फेहरिस्त से रूबरू भी करवाते हैं। सबसे पहले जानते हैं कि आज कल बेंगलुरू का ये ईदगाह मैदान क्यों विवादों में है?

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