कहानी ऐसे प्लेन हाईजैक की जिसे फिल्मी अंदाज में दिया गया था अंजाम

देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है। देश को आजाद हुए 75 वर्ष पूरे हो गए हैं। इन 75 वर्षों में हमने कई कामयाबी हासिल की है। लेकिन इन 75 सालों में हमने कई विषम परिस्थितियों का भी सामना किया है। आज हम आपको एक ऐसे ही कहानी बताने जा रहे हैं जो वाकई में दिल दहलाने वाली थी। दरअसल, बात 1976 की है जब देश में आपातकाल को लेकर हंगामा मचा हुआ था। इसी दौरान 10 सितंबर 1976 को नाटकीय अंदाज में इंडियन एयरलाइंस के एक विमान को अगवा करा लिया गया था। हालांकि, राहत की बात यह रही कि उसमें सवार सभी यात्री और चालक दल के सदस्यों को सुरक्षित बचा लिया गया। इंडियन एयरलाइंस का विमान बोइंग 737 दिल्ली के पालम हवाई अड्डे से उड़ान भरने के बाद मुंबई की ओर जा रहा था। इसी दौरान रास्ते में दो अपहरणकर्ताओं ने पायलट को पिस्तौल दिखाकर विमान को हाईजैक कर लिया।

अपहरणकर्ता विमान को लीबिया ले जाना चाहते थे। लेकिन पायलट की सूझबूझ से पाकिस्तान के लाहौर में लैंडिंग कराई गई। बाद में पाकिस्तानी अधिकारियों के सहयोग से विमान में फंसे सभी लोगों को सुरक्षित निकाल लिया गया। वैसे तो भारत और पाकिस्तान के बीच लगातार तनातनी रहती है, लेकिन यह शायद एक अहम मौका था जब दोनों देशों की सरकार एक होकर पूरे तालमेल के साथ काम कर रहे थे। दिल्ली से उड़ान भरने के बाद विमान को मुंबई से पहले जयपुर और औरंगाबाद में रुकना था। लेकिन उड़ान भरने के साथ ही अपहरणकर्ता विमान के कॉकपिट में पहुंच गए थे और पायलट को पिस्तौल दिखाकर हाईजैक कर लिया था। पायलट और सह पायलट में दिल्ली स्थित एयर ट्रैफिक कंट्रोलर से संपर्क किया और घटना की पूरी जानकारी दी।

हालांकि, सवाल आज तक बना हुआ है कि इस विमान को आखिर हाईजैक कैसे किया गया था? अपहरणकर्ता प्लेन को लाहौर ले नहीं जाना चाहते थे, लेकिन वह लाहौर ले जाने के लिए तैयार कैसे हुए? किस तरीके से पैसेंजर को बचाया गया? कुछ ऐसे सवाल हैं जो अभी भी मिस्ट्री बनकर रह गए हैं, प्लेन को बीएन रेड्डी और को पायलट आर एस यादव उड़ा रहे थे। जैसे ही प्लेन दिल्ली से 35 मील की दूरी पर और 8000 फीट की ऊंचाई पर पहुंची, दो व्यक्ति जबरदस्ती विमान के कॉकपिट में घुस गए। एक ने यादव की गर्दन पर पिस्टल रखते हुए उसे जान से मारने की धमकी दी और चिल्लाते हुए कहा कि इससे लीबिया ले चलो। इसके बाद पायलट ने अपहरणकर्ताओं को बताया कि प्लेन में इतना ही इंधन है कि वह सिर्फ जयपुर से दिल्ली ही वापस जा सकता है। फिर घबराते हुए हाईजैकर्स ने कहा कि इसे कराची ले चलो। पायलट तैयार नहीं हुए और उसे लाहौर ले जाया गया।

इसके बाद जब यह खबर भारत सरकार तक पहुंची तो अधिकारियों के हाथ पैर फूल गए। क्रू के सदस्यों और यात्रियों को सुरक्षित निकालना सबसे बड़ी चुनौती थी। भारत सरकार की ओर से पाकिस्तान सरकार को फोन किया गया और इन्हें सुरक्षित बचाने की गुहार लगाई गई। पाकिस्तान ने भी उस दौरान भारत की मदद की थी। पाकिस्तान की ओर से विमान को जगह दी गई अपहरणकर्ताओं को भी विमान में बढिया इंतजाम किया गया। दावा तो किया जाता है कि पाकिस्तानी अधिकारियों की ओर से अपहरणकर्ताओं को पानी में नशीली दवाइयां मिलाकर दी गई थी जिसे पीकर वे बेहोश हो गए थे। इसके बाद अपहरणकर्ताओं को पकड़ लिया गया था और विमान भारत सुरक्षित लौटा था। बाद में उन अपहरणकर्ताओं को पाकिस्तान सरकार की ओर से रिहा कर दिया गया। हालांकि, भारत ने उसका विरोध किया था। लेकिन अब तक यह पता नहीं चल पाया है कि आखिर अपहरणकर्ताओं का विमान हाईजैक करने का मकसद क्या था?

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