दो दिन तक चलने वाला यह कॉन्फ्रेंस गुजरात के एकता नगर में कानून और न्याय मंत्रालय की ओर से आयोजित हो रहा है। केंद्रीय कानून और न्याय मंत्री किरन रिजिजू इसके मद्देनजर गुजरात में हैं। उन्होंने मीडिया से वर्तामन दौर के कानूनों को लेकर बात की है। कानून मंत्रियों और कानून सचिवों के अखिल भारतीय सम्मेलन पर केंद्रीय कानून मंत्री के रिजिजू ने कहा कि हम देखेंगे कि क्या सभी कानून वर्तमान परिदृश्य के लिए प्रासंगिक हैं, यहां तक कि व्यापार और लोगों के जीवन के दृष्टिकोण से भी। हम सभी कानून मंत्रियों के सुझाव लेंगे और सामूहिक निर्णय लेंगे।केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि हमने मध्यस्थता विधेयक के बारे में बात की, जहां पति और पत्नी के बीच कोई समस्या है, तो वे समस्या को हल करने के लिए मध्यस्थ नियुक्त कर सकते हैं क्योंकि अदालती प्रक्रियाएं बहुत लंबी हैं और कई लोग अदालत जाने से भी डरते हैं। केंद्रीय विधि और न्याय मंत्री किरेन रिजिजू ने न्यायपालिका और कार्यपालिका में समन्वय पर जोर दिया ताकि न्याय दिलाने में देरी न हो।गौरतलब है कि दो दिन के इस सम्मेलन का आयोजन विधि और न्याय मंत्रालय ने किया है। सम्मेलन का उद्देश्य नीति निर्माताओं को भारतीय कानूनी और न्यायिक प्रणाली से संबंधी मुद्दों पर चर्चा करने के लिए एक साझा मंच प्रदान करना है। इस सम्मेलन के माध्यम से राज्य और केंद्र शासित प्रदेश अपनी सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करेंगे, नए विचारों का आदान-प्रदान और आपसी सहयोग बढाने पर चर्चा करेंगे। न्यायिक प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए, वैकल्पिक विवाद समाधान तंत्र जैसे मध्यस्थता पर भी सम्मेलन में चर्चा होगी।