ओडिशा के बालासोर में शुक्रवार शाम तीन ट्रेनें दुर्घटनाग्रस्त हो गईं। घटना बहनागा रेलवे स्टेशन के पास हुई। अब तक इस हादसे में 288 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है। 900 से ज्यादा यात्री घायल हैं। घटना की उच्च स्तरीय जांच भी रेलवे ने शुरू कर दी है। घटना के बाद रेलवे के प्रवक्ता अमिताभ शर्मा ने कहा कि इस मार्ग पर ‘कवच’ सिस्टम मौजूद नहीं था। इस वक्त ‘कवच’ सिस्टम की सबसे ज्यादा चर्चा हो रही है। दावा किया जाता है कि कवच से दो ट्रेनों की टक्कर को रोका जा सकता है। पहले जानते हैं हुआ क्या है?
कोलकाता से करीब 250 किलोमीटर दक्षिण और भुवनेश्वर से 170 किलोमीटर उत्तर में बालासोर जिले के बहानागा बाजार स्टेशन के पास शुक्रवार शाम करीब सात बजे भीषण ट्रेन हादसा हुआ। इस हादसे का शिकार तीन ट्रेनें हुईं जिसमें कोरोमंडल एक्सप्रेस, बेंगलुरु-हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस और मालगाड़ी शामिल हैं।
इस भयावह हादसे में कोरोमंडल एक्सप्रेस मालगाड़ी से टकरा गई। ट्रेन का इंजन मालगाड़ी के डिब्बे पर चढ़ गया। टक्कर के बाद कोरोमंडल एक्सप्रेस के 13 डिब्बे बुरी तरह छतिग्रस्त हो गए। इनमें सामान्य, स्लीपर, एसी 3 टियर और एसी 2 टीयर के डिब्बे शामिल थे। कुछ डिब्बे बगल के ट्रैक पर भी जा गिरे।
उस वक्त दूसरी ओर से बेंगलुरु-हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस को गुजरना था। बेंगलुरु-हावड़ा एक्सप्रेस के ट्रैक पर कोरोमंडल एक्सप्रेस के डिब्बे गिरे हुए थे। इसकी वजह से बेंगलुरु-हावड़ एक्सप्रेस इन डिब्बों से टकरा गई। टक्कर के चलते बेंगलुरु-हावड़ा एक्सप्रेस के सामान्य श्रेणी के तीन डब्बे पूरी तरह क्षतिग्रस्त होकर पटरी से उतर गए।
हादसे के बाद लोगों की चीख-पुकार शुरू हो गई। चारों तरफ खून से सने क्षत-विक्षत और अंगविहीन शव ही दिख रहे थे। अब तक इस हादसे में 288 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है। 900 से ज्यादा यात्री घायल हैं।