15 जून 2020 को गलवान घाटी में जो कुछ हुआ उसने भारत और चीन के रिश्तों में एक गहरी लकीर खींच दी। वैसे तो भारत और चीन के बीच के रिश्ते हमेशा से विवादों में रहे हैं। लेकिन गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प पिछले कुछ दशकों में से हैरान करने वाली घटनाओं में से एक थी। लेकिन अब गलवान झड़प के ढाई साल बाद चीन की तरफ से तवांग में मुंह की खाने के बाद नया प्रोपोगैंडा चलाया जा रहा है। जिसके बाद से ये सवाल उठ रहा है कि क्या चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) द्वारा गालवान नदी संघर्ष के दौरान बंदी बनाए गए एक घायल भारतीय सेना अधिकारी को कबूलनामा करने के लिए मजबूर किया गया था। एक वीडियो चीन की तरफ से सोशल मीडिया प्लेटफ़र्म पर वायरल किया जा रहा है। दावा किया जा रहा है कि पीपुल्स लिबरेशन आर्मी ने गलवान घाटी में हुए संघर्ष के दौरान बंदी बनाए गए घायल भारतीय सेना अधिकारी का वीडियो बनाया और उसे सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया।