उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आजादी का अमृत महोत्सव समारोह के हिस्से के रूप में काकोरी ट्रेन एक्शन की वर्षगांठ को चिह्नित करने के लिए 9 अगस्त को ‘रेडियो जयघोष’ लॉन्च करेंगे। राज्य का संस्कृति विभाग लोक कला, प्रदर्शन कला, उत्तर प्रदेश के क्षेत्रीय व्यंजनों और वीरता पुरस्कार विजेताओं को बढ़ावा देने के लिए सामुदायिक रेडियो चैनल शुरू कर रहा है। रेडियो जयघोष 107.8 मेगाहर्ट्ज पर उपलब्ध होगा और लखनऊ में संगीत नाटक अकादमी के नव पुनर्निर्मित स्टूडियो से सुबह 6 बजे से रात 10 बजे तक कार्यक्रमों का प्रसारण करेगा। कार्यक्रम रेडियो के मोबाइल एप्लिकेशन और सोशल मीडिया पेजों पर भी उपलब्ध होंगे।विभाग के प्रधान सचिव मुकेश मेश्राम ने कहा कि भारत में बहुत सारे रेडियो स्टेशन हैं। लेकिन हम एक ऐसा रेडियो स्टेशन ला रहे हैं जो भारतीय कला और संस्कृति को बढ़ावा देगा, खासकर उत्तर प्रदेश की। तेज-तर्रार जीवन के साथ लोककथाएं युवाओं तक नहीं पहुंच रही हैं। यह पहल युवाओं और बच्चों को हमारे लोकाचार, रीति-रिवाजों और मूल्यों से जोड़ेगी। साथ ही हम राज्य के कई जिलों और दूरदराज के गांवों के कलाकारों और गुमनाम नायकों को भी बढ़ावा दे रहे हैं। इसके अलावा, हम एक बैकपैक स्टूडियो के विचार के साथ आए हैं, जहां सभी रिकॉर्डिंग उपकरणों को गांवों में ले जाया जाता है ताकि वे अपने ग्रामीण परिदृश्य के आराम में अपनी लोक कलाओं को रिकॉर्ड कर सकें।” रेडियो पर दैनिक शो में ‘पराक्रम’ शामिल होगा जो स्वतंत्रता पूर्व और बाद के युग के वीर सैनिकों और गुमनाम नायकों के इर्द-गिर्द घूमेगा, जबकि ‘शौर्य नगर’ राज्य के सभी 75 जिलों से लोककथाओं को बढ़ावा देगा।देश के इतिहास में काकोरी कांड एक बेहद ही महत्वपूर्ण घटना है। इस कांड का उद्देश्य अंग्रेजी शासन के विरूद्ध सरकारी खजाना लूटना और उन पैसों से हथियार खरीदना था। इतिहासकारों ने काकोरी कांड को बहुत ज्यादा अहमियत नहीं दी। लेकिन यही वो घटना है जिससे देश में क्रांतिकारियों के प्रति लोगों का नजरिया बदलने का काम किया। 9 अगस्त की तारीख का संबंध काकोरी ट्रेन एक्शन से है। इसी दिन रामप्रसाद बिस्मिल, चंद्रशेखर आजाद, अश्फाक उल्लाह खान और उनके सात साथियों ने मिलकर काकोरी की घटना को अंजाम दिया था। इस कहानी की शुरुआत कुछ इस तरह से होती है।