जब उपराष्ट्रपति पद के लिए चुना गया तो वेंकैया नायडू के बहने लगे थे आंसू

उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत तमाम वरिष्ठ नेताओं की मौजूदगी में उच्च सदन में विदाई दी जा रही है। इसी बीच एम वेंकैया नायडू ने कहा कि हम पर उच्च सदन की बड़ी जिम्मेदारी है और पूरी दुनिया भारत को देख रही है। आपको बता दें कि एम वेंकैया नायडू को 10 अगस्त को कार्यकाल समाप्त हो रहा है और 11 अगस्त को नवनिर्वाचित उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ पद की शपथ लेंगे।

एम वेंकैया नायडू ने राज्यसभा के सभापति के तौर पर अपने अंतिम भाषण में कहा कि हम पर उच्च सदन की बड़ी जिम्मेदारी है और पूरी दुनिया भारत को देख रही है, भारत आगे बढ़ रहा है। मैं उच्च सदन के सांसदों से शालीनता, गरिमा और मर्यादा बनाए रखने की अपील करता हूं ताकि सदन की छवि और सम्मान बना रहे।

उन्होंने बताया कि जिस दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुझे बताया कि मुझे उपराष्ट्रपति पद के लिए चुना जा रहा है, मेरे आंसू बहने लगे। मैंने पार्टी से इसके लिए नहीं कहा था। पार्टी ने जनादेश दिया था, मैंने इसके लिए बाध्य होकर पार्टी से इस्तीफा दिया। आंसू इसलिए आ रहे थे क्योंकि मुझे पार्टी छोड़नी पड़ी।

उन्होंने कहा कि मैंने सदन को बनाए रखने की पूरी कोशिश की। मैंने सभी पक्षों – दक्षिण, उत्तर, पूर्व, पश्चिम, उत्तर-पूर्व को समायोजित करने और अवसर देने का प्रयास किया। आप में से प्रत्येक को समय दिया गया है।

इसी बीच वेंकैया नायडू ने कहा कि हम दुश्मन नहीं हैं, हम प्रतिद्वंद्वी हैं। हमें प्रतिस्पर्धा में दूसरों को पछाड़ने के लिए कड़ी मेहनत करनी चाहिए लेकिन दूसरों को नीचा नहीं दिखाना चाहिए। मेरी इच्छा है कि संसद अच्छी तरह से काम करे… मैं आभारी हूं, आपके प्यार और स्नेह से प्रभावित हूं।

मैन ऑफ आयडियाज़ हैं वेंकैया नायडू

उपसभापति हरिवंश ने एक कदम आगे बढ़ते हुए एम वेंकैया नायडू को मैन ऑफ आयडियाज़ बताया। उन्होंने कहा कि संघर्ष के लिए वेंकैया नायडू ने लीक से हट कर रास्ता चुना और लीक से हट कर चलने वाले ही सफलता के आयाम रचते हैं और उनका संघर्ष आने वाली पीढ़ियों को हमेशा प्रेरित करता रहेगा। उन्होंने कहा कि वेंकैया नायडू के साथ काम की शुरूआत में ही समझ में आ गया कि हमें पूरा होमवर्क करके आना होगा।

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