डोनाल्ड ट्रंप ने पिछले साल चुनाव में हार के बाद व्हाइट हाउस छोड़ते हुए तीसरी बार राष्ट्रपति पद के चुनाव में किस्मत आजमाने का राग छेड़ना शुरू कर दिया था। लेकिन जब पूर्व राष्ट्रपति ने इस सप्ताह औपचारिक रूप से अपनी उम्मीदवारी की घोषणा की तो उन्होंने असामान्य रूप से इसे बहुत अधिक भव्यता नहीं दी। पूर्व राष्ट्रपति ने किसी स्टेडियम में रैली करके घोषणा नहीं की, जबकि ट्रंप के सार्वजनिक जीवन में इस तरह के बड़े आयोजन आम रहे हैं। ट्रंप का ट्विटर खाता अभी-अभी बहाल हुआ है, लेकिन 8.7 करोड़ फॉलोअर के साथ यहां भी शांति है। जबकि करीब एक दशक पहले ट्विटर ने ही ट्रंप के राजनीतिक उदय में मदद की थी।व्हाइट हाउस से निकलने के बाद खुद को रिपब्लिक पार्टी के निर्विवाद नेता के रूप में पेश कर रहे पूर्व राष्ट्रपति को इस महीने हुए मध्यावधि चुनाव में निराशाजनक प्रदर्शन के लिए पार्टी के भीतर ही तीखी आलोचना का सामना करना पड़ रहा है। इसके अलावा कुछ अन्य रिपब्लिकन खुलकर अपनी तरफ से राष्ट्रपति चुनाव की दौड़ में शामिल होने की बात कह रहे हैं और साफ कर रहे हैं कि ट्रंप के नामांकन के लिए रास्ता छोड़कर वे अलग नहीं खड़े रहेंगे। इस बीच ट्रंप पर कानूनी दबाव बढ़ रहा है। अटॉर्नी जनरल मेरिक गारलैंड ने पूर्व राष्ट्रपति के फ्लोरिडा में पाम बीच स्थित मार-ए-लागो क्लब से जब्त गोपनीय दस्तावेजों में न्याय विभाग की जांच पर नजर रखने के लिए पिछले सप्ताह विशेष वकील की नियुक्ति की। अमेरिकी संसद भवन में 6 जनवरी, 2021 को हुई हिंसा और 2020 के चुनाव को प्रभावित करने के मामले में अलग जांच के पहलुओं पर भी निगरानी के लिए ऐसा किया गया है।