जबसे नीतीश कुमार ने एनडीए का दामन छोड़कर महागठबंधन के साथ सरकार बनाई है, तब से वह लगातार सुर्खियों में हैं। बिहार में बिगड़ती कानून व्यवस्था को लेकर उन पर सवाल उठाए जा रहे हैं। तो दूसरी ओर वह केंद्र की राजनीति में खुद को ज्यादा सक्रिय दिखाने की कोशिश कर रहे हैं। इन सब के बीच नीतीश कुमार ने एक बार फिर से बिहार के लिए विशेष राज्य के दर्जे की मांग उठा दी है। नीतीश कुमार लगातार बिहार के लिए विशेष दर्जे की मांग करते रहे हैं। इस बार भी उनकी ओर से यह मांग उठाई गई है। अपने बयान में नीतीश कुमार ने कहा कि मैं विशेष राज्य के दर्जें की मांग हमेशा से कर रहा हूं। पूरी सरकार की तरफ से करते रहेंगे। मैंने हर बैठक में बोला है। इसके साथ ही बिहार के मुख्यमंत्री ने यह भी कह दिया कि अगर हमें सरकार बनाने का मौका मिलेगा तो निश्चित रूप से बिहार के अलावा और भी पिछड़े राज्यों को विशेष राज्य का दर्ज़ा मिलेगा। नीतीश कुमार ने यह साफ तौर पर कहा है कि हमें सरकार बनाने का मौका मिले तो…। इसका मतलब साफ है कि नीतीश कुमार की नजर प्रधानमंत्री पद की कुर्सी पर है। भले ही उनकी ओर से लगातार इस बात का इनकार किया जा रहा है। दरअसल नीतीश कुमार लगातार विपक्षी एकजुटता को मजबूत करने की कोशिश में जुटे हुए हैं। उन्होंने दावा भी किया है कि विपक्ष 2024 में भाजपा को 50 सीटों पर रोक देगा। नीतीश कुमार को प्रधानमंत्री मटेरियल उनकी पार्टी की ओर से बताया जा रहा है। जदयू ने तो पोस्टर लगाकर कह दिया कि प्रदेश ने देखा, अब देश भी देखेगा। इसके बाद से माना जा रहा है कि नीतीश कुमार खुद को प्रधानमंत्री पद के रूप में प्रजेंट करने को उत्सुक हैं। हालांकि, वह बार-बार इस बात से इनकार करते रहे हैं कि मुझे प्रधानमंत्री बनने की कोई इच्छा नहीं है। वहीं, भाजपा जबरदस्त तरीके से नीतीश कुमार पर हमलावर है। कानून व्यवस्था को लेकर सुशील मोदी नीतीश कुमार पर हमले कर रहे हैं। आज नीतीश कुमार ने भी सुशील मोदी पर पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि सुशील मोदी जी को जगह मिल जाए तो हमें खुशी होगी। अगर वे रोज नहीं बोलेंगे तो…ये भी मोदी हैं लेकिन कहीं जगह नहीं मिली। इसलिए अगर आजकल कुछ बोलते रहेंगे तो मोदी जी(प्रधानमंत्री मोदी), मोदी जी(सुशील मोदी) को जगह दे देंगे। सुशील मोदी काफी लंबे समय तक बिहार में उपमुख्यमंत्री रहे हैं। इस दौरान नीतीश कुमार मुख्यमंत्री रहे। हालांकि, 2020 में सुशील मोदी को केंद्र की राजनीति में लाया गया और उन्हें राज्यसभा भेजा गया। इस बात की उम्मीद की जा रही थी सुशील मोदीको केंद्र में मंत्री पद भी मिलेगा। लेकिन ऐसा नहीं हुआ।