दिलचस्प होती जा रही है सीमांचल की जंग, अपनी ताकत दिखाने में जुटी भाजपा

बिहार के सीमांचल का अखाड़ा हमेशा ही दिलचस्प रहा है। एक बार फिर से सीमांचल की राजनीति में आर-पार की लड़ाई देखने को मिल सकती है। 2020 के चुनाव में इसी सीमांचल के क्षेत्र में राजद को झटका लगा था जबकि इसी सीमांचल में असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी के 5 विधायकों ने जीत हासिल की थी। यह वही सीमांचल है जहां भाजपा अभी भी खुद को मजबूत करने में जुटी हुई है। कुल मिलाकर देखें तो सीमांचल अब सभी राजनीतिक दलों के लिए बेहद उपयोगी होता दिखाई दे रहा है। बीजेपी से अलग होने के बाद जहां नीतीश कुमार भी सीमांचल पर पूरी तरह फोकस कर रहे हैं। तो वहीं भाजपा गठबंधन टूटने के बाद अपनी ताकत सीमांचल में ही दिखाने की तैयारी में है।

अमित शाह का दौरा

भाजपा के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह 23-24 सितंबर को बिहार के सीमांचल दौरे पर जा रहे हैं। इस दौरान वे पूर्णिया और किशनगंज में रैली करेंगे। माना जा रहा है कि इस रैली के दौरान अमित शाह बिहार में महागठबंधन पर निशाना साधेंगे। यह पहला मौका होगा जब सार्वजनिक तौर पर गठबंधन से अलग होने के बाद भाजपा का कोई बड़ा नेता बिहार पहुंचेगा और रैली करेगा। भाजपा की ओर से इस को लेकर तैयारियां शुरू की जा चुकी है। भाजपा के नेता लगातार अमित शाह के दौरे को लेकर तैयारी में जुटे हुए हैं। केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे ने भी साफ तौर पर कह दिया है कि अमित शाह सीमांचल क्षेत्र में पनप रहे अलगाववाद और पीएफआई नेटवर्क को ध्वस्त करना चाहते है। यही कारण है कि वह यहां का दौरा कर रहे हैं। जो लोग तुष्टिकरण की राजनीति कर रहे हैं उनमें बेचैनी है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *