कोलकाता। भारत में अक्टूबर और नवंबर का महीना त्योहारों का माना जाता हैं। दशहरा, दीवाली, दुर्गा पूजा आदि सब इसी कार्तिक -मास में पड़ता है। इसी बीच जहां एक तरफ देशभर में धूमधाम से दुर्गा पूजा मनाई जा रही हैं वहीं दूसरी तरफ दुर्गा मां के पंडाल को लेकर कोलकता में विवाद खड़ा हो गया हैं। अखिल भारतीय हिंदू महासभा द्वारा आयोजित कोलकाता में एक दुर्गा पूजा पर उस वक्त विवाद खड़ा हो गया जब पंडाल में महिषासुर को महात्मा गांधी के रूप में चित्रित किया गया। महिषासुर के रूम में गांधी जैसी प्रतिमा को देखकर लोग भकड़ गये और आरोप लगाया कि गांधी जयंती के दिन ऐसा करना गांधी जी का अपमान हैं। गृह मंत्रालय के दबाव के बाद, पूजा के आयोजकों ने गांधी जी जैसी प्रतिमा से चेहरा हटा दिया।
दुर्गा मां के पंडाल में महिषासुर की मुर्ति पर बवाल
कोलकाता में दुर्गा पूजा में ‘महिषासुर’ की जगह महात्मा गांधी की तरह दिखने वाली एक प्रतिमा ने राष्ट्रपिता की जयंती पर विवाद खड़ा कर दिया। दक्षिण पश्चिम कोलकाता के रूबी क्रॉसिंग के निकट, अखिल भारतीय हिंदू महासभा पूजा के आयोजकों ने शिकायत दर्ज होने के बाद पुलिस के निर्देशानुसार गांधी की तरह दिखने वाली मूर्ति के रूप में बदलाव कर दिया। आयोजकों ने कहा कि समानताएं होना ‘‘केवल एक संयोग’’ था। पौराणिक कथाओं के अनुसार, देवी दुर्गा ने महिषासुर का वध किया था।
महिषासुर की जगह लगाया गया गांधी जी का चेहरा
इससे पहले दिन के समय एक पत्रकार ने कोलकाता पुलिस को टैग करते हुए दुर्गा प्रतिमा की एक तस्वीर ट्वीट की थी। हालांकि, उन्होंने बाद में उन्होंने पुलिस के त्योहार के समय तनाव पैदा होने के निर्देश का हवाला देते हुए पोस्ट को सोशल मीडिया से हटा दिया। गोस्वामी ने कहा कि पूजा आयोजकों की मंशा किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचाने की नहीं थी।
उन्होंने कहा, पुलिस ने हमें इसे बदलने के लिए कहा, और हमने इसे मान लिया। हमने महिषासुर की मूर्ति पर मूंछें और बाल लगा दिए। तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) जैसे राजनीतिक दलों ने भी गांधी के ‘महिषासुर’ के रूप में कथित चित्रण की आलोचना की। अखिल भारतीय हिंदू महासभा की पश्चिम बंगाल राज्य इकाई के कार्यकारी अध्यक्ष चंद्रचूर गोस्वामी ने बताया, “हम गांधी को सच्चे असुर के रूप में देखते हैं। वह असली असुर हैं। इसलिए हमने इस तरह की मूर्ति बनाई।