केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने देश में पहली बार हिन्दी में मेडिकल की पढ़ाई का शुभारंभ किया। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि आज का दिन भारत के शिक्षा क्षेत्र के लिए बहुत महत्वपूर्ण दिन है। जब भी आने वाले दिनों में इतिहास लिखा जाएगा आज के दिन को स्वर्ण के अक्षरों से लिखा जाएगा। ये देश में शिक्षा क्षेत्र के पुनर्जागरण का क्षण है। नई शिक्षा नीति में पीएम ने प्राथमिक शिक्षा, टेक्निकल और मेडिकल की शिक्षा में बच्चे की मातृभाषा को अहमियत देकर ऐतिहासिक निर्णय लिया है। शिवराज सिंह सरकार ने देश में सबसे पहले मेडिकल की शिक्षा हिंदी में शुरू करके पीएम मोदी की इच्छा की पूर्ती की है। अमित शाह ने कहा कि देश में कुछ लोगों ने भाषा को बौद्धिक क्षमता से जोड़ने का काम किया है, बल्कि सच तो यह है कि बौद्धिकता मातृभाषा में आती है। मध्य प्रदेश में आज जो शुरुआत हुई है इससे अनुसंधान क्षेत्र में छात्रों की बौद्धिक क्षमता बढ़ेगी। प्रधानमंत्री मोदी विश्व के किसी भी मंच पर जाते हैं तो वे हिंदी भाषा में अपना वक्तव्य देते हैं। वैश्विक मंचों पर हिंदी भाषा में मोदी जी का संबोधन देश के करोड़ों भारतीयों को अपनी भाषा पर गौरव को बढ़ाता है। मैं देशभर के युवाओं से आह्वान करता हूँ कि भाषा की लघुग्रंथी से बाहर आयें। आपको अपनी मातृभाषा पर गर्व करना चाहिए। अपनी मातृभाषा में पढ़ाई कर आप अपनी प्रतिभा का और बेहतर तरीके से प्रदर्शन करने के लिए स्वतंत्र हैं। अमित शाह ने कहा कि मातृभाषा में व्यक्ति सोचने, समझने, अनुसंधान, तर्क और काम बेहतर ढ़ंग से किया जा सकता है। मुझे पूर्ण विश्वास है कि भारतीय छात्र जब मातृभाषा में तकनीकी और चिकित्सा शिक्षा का अध्ययन करेंगे तो भारत विश्व में शिक्षा का बड़ा केन्द्र बनेगा। महात्मा गांधी कहते थे कि मातृभाषा में शिक्षा की व्यवस्था देश की सच्ची सेवा है। प्रधानमंत्री मोजी के नेतृत्व में नई शिक्षा नीति के माध्यम से क्षेत्रीय और मातृभाषा को महत्व दिया जा रहा है। किसी भी व्यक्ति के सोचने की प्रक्रिया अपनी मातृभाषा में ही होती है। नेल्सन मंडेला ने कहा था कि यदि व्यक्ति से उसकी मातृभाषा में बात करें तो वह बात उसके दिल में पहुँचती है। दुनियाभर के शिक्षाविदों ने मातृभाषा में शिक्षा को महत्व दिया है।