नक्सल लिंक मामले में साईबाबा की रिहाई पर SC की रोक पर बोले फडणवीस, आगे एक कानूनी लड़ाई होगी

सुप्रीम कोर्ट ने शनिवार को कथित नक्सल लिंक मामले में दिल्ली विश्वविद्यालय के पूर्व प्रोफेसर जीएन साईंबाबा और पांच अन्य की रिहाई पर रोक लगा दी। सुप्रीम कोर्ट ने आज एक विशेष सुनवाई में बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर पीठ के 14 अक्टूबर के आदेश को निलंबित कर दिया । महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस पूरे मामले पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि आज सुप्रीम कोर्ट ने बॉम्बे हाई कोर्ट के नागपुर बेंच के उस निर्णय को स्थगित कर दिया जिसमें माओवादियों से संबंध रखने वाले प्रोफेसर जीएन साईबाबा को बरी कर दिया गया था।देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि मैंने इस पर बहुत निराशा जताई थी कि टेक्निकल ग्राउंड पर इस प्रकार से समाज और देश विरोधी कार्रवाई करने वाले को छोड़ा जाना सही नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने हमारी बात सुनी। आगे एक कानूनी लड़ाई होगी, उसमे हम सारी बातें कोर्ट के सामने लाएंगे। बता दें कि बॉम्बे हाईकोर्ट ने कथित माओवादी लिंक मामले में दिल्ली विश्वविद्यालय के पूर्व प्रोफेसर जीएन साईबाबा और अन्य को बरी कर दिया था। इस फैसले को चुनौती देते हुए महाराष्ट्र सरकार ने शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली महाराष्ट्र सरकार की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने मामले के आरोपियों को नोटिस जारी किया है. शीर्ष अदालत ने मामले को सुनवाई के लिए 8 दिसंबर को सूचीबद्ध किया है। उच्च न्यायालय ने साईंबाबा और पांच अन्य लोगों द्वारा दायर एक अपील की अनुमति दी, जिसमें ट्रायल कोर्ट के 2017 के फैसले को चुनौती दी गई थी और उन्हें आतंकवाद विरोधी कानून गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी।

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