पाकिस्तान पहुंचकर बाढ़ पीड़ितों से मिलीं मलाला यूसुफजई

नोबेल पुरस्कार विजेता मलाला यूसुफजई विनाशकारी बाढ़ से प्रभावित क्षेत्रों का निरीक्षण करने और बाढ़ पीड़ितों से मिलने के लिए चार साल से अधिक समय बाद अपने देश की पहली यात्रा पर मंगलवार को पाकिस्तान पहुंचीं। जून के मध्य से अभूतपूर्व बारिश के कारण पाकिस्तान में आई भीषण बाढ़ में 1,700 से अधिक लोग मारे गए, 3.3 करोड़ लोग विस्थापित हुए और देश का एक तिहाई हिस्सा पानी में डूब गया। विश्व बैंक के अनुमान के अनुसार, बाढ़ के कारण पाकिस्तान को 40 अरब अमेरीकी डॉलर तक के आर्थिक नुकसान का सामना करना पड़ सकता है।

यूसुफजई के गैर-लाभकारी संगठन ‘मलाला फंड’ ने एक बयान में कहा कि उनकी यात्रा का उद्देश्य ‘‘पाकिस्तान में बाढ़ के प्रभाव पर अंतरराष्ट्रीय ध्यान केंद्रित करना और महत्वपूर्ण मानवीय सहायता की आवश्यकता को सुदृढ़ करने में मदद करना’’ है। इससे पहले, ‘मलाला फंड’ ने बाढ़ राहत प्रयासों का समर्थन करने और ‘‘पाकिस्तान में लड़कियों और महिलाओं के कल्याण’’ के लिए अंतरराष्ट्रीय बचाव समिति (आईआरसी) को एक आपातकालीन राहत अनुदान जारी किया था।

 

यूसुफजई (25) ने अपनी वेबसाइट में कहा कि पाकिस्तान में तबाही और रातों-रात लाखों लोगों का जीवन तबाह होते देखकर मेरा दिल टूट गया है। मैं अंतरराष्ट्रीय समुदाय से न केवल उदार सहायता करने बल्कि जलवायु परिवर्तन को रोकने और जलवायु-वित्तीय तंत्र स्थापित करने के लिए नीतियों पर तत्काल कार्रवाई करने का आग्रह करती हूं। यूसुफजई ने आखिरी बार मार्च 2018 में पाकिस्तान का दौरा किया था। अक्टूबर 2012 में स्वात जिले में तालिबान के हमले से बचने के बाद से यह उनकी दूसरी पाकिस्तान यात्रा है। हमले में घायल होने के बाद उन्हें ब्रिटेन के बर्मिंघम के एक विशेष अस्पताल में ले जाया गया था। ठीक होने के बाद यूसुफजई ने घोषणा की कि वह लड़कियों की शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए एक आंदोलन शुरू करेंगी। दिसंबर 2014 में यूसुफजई 17 साल की उम्र में नोबेल पुरस्कार से सम्मानित होने वाली सबसे कम उम्र की विजेता बनीं।

 

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