हरियाणा के रोहतक की सुनारिया जेल में कारावास की सजा काट रहे डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह को 40 दिन की पैरोल मिलने के बाद वो जेल से बाहर आ गया है। आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी। अब राम रहीम की दीवाली जेल में नहीं बल्कि खुली हवा में मनेगी। बता दें कि कड़ी सुरक्षा के बीच राम रहीम को उत्तर प्रदेश के बागपत स्थित आश्रम ले जाया गया है। संभावना है कि पैरोल पर बाहर रहने के दौरान वो डेरा सच्चा सौदा आश्रम में ही रहेगा।
चुनाव से पहले आया बाहर
यह कदम आदमपुर विधानसभा उपचुनाव से ठीक पहले उठाया गया है। आदमपुर में तीन नवंबर को उपचुनाव होने हैं। इससे पहले, डेरा प्रमुख को जून में एक महीने की पैरोल पर रिहा किया गया था और फरवरी में उसकी तीन सप्ताह की फर्लो मंजूर की गई थी। इस दौरान राम रहीम को 21 दिनों की पैरोल मिली थी। इससे पहले अपनी मां के बीमार होने पर भी उसे आपातकालीन पैरोल मिली थी, जिसमें वो सुबह से शाम तक जेल से बाहर रहा था।
सरकार ने दी थी जेड प्लस सुरक्षा
बता दें कि फरवरी में जब राम रहीम को पैरोल मिली थी तब उसने अपनी जान को खतरा बताया था। इस दौरान सरकार ने उसे जेड प्लस सुरक्षा भी मुहैया कराई थी। इस पैरोल के दौरान उसका अधिकतर समय गुरुग्राम के आश्रम में बीता था।
हाईकोर्ट ने दिया था बयान
गुरमीत राम रहीम को लेकर हरियाणा सरकार द्वारा बार बार मिलने वाली पैरोल के खिलाफ अप्रैल में याचिका पर सुनवाई हुई थी जिसमें पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट ने कहा था कि राम रहीम हार्ड कोर क्रिमिनल नहीं है। ऐसे में उसे पैरोल देना गलत नहीं है। कोर्ट ने कहा था कि उसके व्यवहार को देखने और कानून के नियमों का पालन करते हुए ही फरलो दी गई है।
यौन शोषण मामले में है दोषी
गुरमीत राम रहीम डेरा के सिरसा स्थित मुख्यालय में अपने आश्रम पर दो महिला अनुयायियों से बलात्कार के दोष में 20 साल कारावास की सजा भुगत रहा है। उसे अगस्त 2017 में पंचकूला में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की एक विशेष अदालत ने दोषी ठहराया था। गुरमीत राम रहीम को 2002 में डेरा प्रबंधक रंजीत सिंह की हत्या की साजिश रचने के लिए भी पिछले साल चार अन्य लोगों के साथ दोषी ठहराया गया था। डेरा प्रमुख और तीन अन्य लोगों को 2019 में 16 साल से अधिक समय पहले एक पत्रकार की हत्या के मामले में भी दोषी करार दिया गया था।