बिहार विधानसभा की ऐतिहासिक इमारत की एक सदी होने के उपलक्ष्य में विधानसभा परिसर में राज्य के प्रतीक को दर्शाने वाली भव्य कांस्य प्रतिमा के साथ एक स्मृति स्तंभ का 12 जुलाई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अनावरण करेंगे। देश की आजादी के पहले बनी इस इमारत के केंद्रीय पोर्टिको के सामने एक बगीचे में लगाए गए लंबे स्तंभ को कारीगर रविवार की सुबह अंतिम रूप दे रहे थे। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘‘हम सभी प्रधानमंत्री की मेजबानी के लिए तैयार हैं और 12 जुलाई को बिहार विधानसभा परिसर में उनके दौरे के लिए सभी तैयारियां कर ली गई हैं। यह हमारे लिए बहुत सम्मान की बात है कि प्रधानमंत्री विधानसभा इमारत के 100 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में शताब्दी स्मृति स्तंभ का अनावरण करेंगे। यह स्तंभ 40 फुट ऊंचा है, जिसमें जैसलमेर के पत्थर से ढका 25 फुट का ढांचा और 15 फुट की कांस्य प्रतिमा शीर्ष पर है।’’ उन्होंने कहा कि कांस्य मूर्तिकला बिहार के प्रतीक को दर्शाती है। इसमें एक बोधि वृक्ष भी है जिसकी शाखाओं पर मालाएं लटकी हुई हैं। इसमें दो स्वास्तिक चिह्न भी हैं। ऐतिहासिक प्रतीक का उपयोग बिहार सरकार के प्रतीक चिह्न के रूप में किया जाता है। वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘‘पेड़ में पत्तियों की संख्या प्रतीकात्मक रूप से विधानसभा (243) और विधान परिषद (75) दोनों के सदस्यों की संयुक्त शक्ति का प्रतिनिधित्व करती है। इसकी नौ शाखाए हैं जो बिहार के नौ प्रशासनिक विभागों को दर्शाती हैं।’’ शताब्दी स्तंभ की आधारशिला राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने पिछले साल 21 अक्टूबर को रखी थी। राष्ट्रपति ने बोधि वृक्ष का एक पौधा भी लगाया था, जो अब रस्मी स्तंभ के सामने खड़ा है। अधिकारी ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार शाम को बिहार विधानसभा परिसर पहुंचेंगे और शताब्दी स्मृति स्तंभ का अनावरण करेंगे। वह रिमोट कंट्रोल के जरिए बिहार विधानसभा संग्रहालय और बिहार विधानसभा अतिथि गृह की आधारशिला भी रखेंगे। इस अवसर पर योजना के तहत विधानसभा की ऐतिहासिक यात्रा पर एक किताब का विमोचन भी किया जाएगा।’’ उन्होंने कहा कि हिंदी में लिखी गई किताब बिहार विधानसभा के पहले सत्र से 17वें सत्र तक की यात्रा को दर्शाती है और इसे विधानसभा के अधिकारियों ने संकलित किया है। भव्य विधानसभा भवन के सेंट्रल पोर्टिको के दोनों ओर की दीवारों पर बधाई संदेश और प्रधानमंत्री मोदी की तस्वीर वाले दो बड़े पोस्टर लगाए गए हैं। बिहार विधानसभा परिसर के अपने दौरे के दौरान प्रधानमंत्री आधिकारिक तौर पर शताब्दी स्मृति उद्यान के रूप में एक बगीचे का नामकरण भी करेंगे। अधिकारियों ने कहा कि शताब्दी स्तंभ के पास स्थित उद्यान में 100 औषधीय पौधे लगाए गए हैं। बिहार विधानसभा भवन को मूल रूप से ‘काउंसिल चैंबर’ कहा जाता था। यह इमारत 2021 में सौ साल की हो गई। दस्तावेजों के अनुसार पटना सचिवालय की स्थापत्य कला को ध्यान में रखते हुए वास्तुकार ए एम मिलवुड ने ‘‘मुक्त पुनर्जागरण शैली’’ में इसकी रुपरेखा तैयार की थी।