भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह ने कुछ समय पहले समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव की तारीफ में कसीदे पढ़ते हुए कहा था कि अखिलेश सच्चाई को जानते हैं और वह उसी सच्चाई के साथ खड़े हैं। बृजभूषण शरण सिंह ने पहलवानों के विरोध प्रदर्शन पर इसे अपना समर्थन मानते हुए अखिलेश यादव का धन्यवाद भी दिया था। तब सियासी गलियारों में कयास लगाए जाने लगे थे कि अगर भाजपा बृजभूषण शरण सिंह को सियासी तौर पर दरकिनार करती है, तो संभव है समाजवादी पार्टी उनको सहारा देगी। लेकिन इस बयान से ठीक एक महीने बाद सपा मुखिया अखिलेश यादव ने पहलवानों के विरोध पर ने सिर्फ भाजपा को घेरा बल्कि भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह को भी निशाने पर ले लिया। अब सियासी गलियारों में कहा यही जा रहा है कि अखिलेश यादव ने राजनीतिक रूप से अन्य सियासी दलों के साथ लोकसभा चुनावों के मद्देनजर तालमेल के खुले रास्तों को भांपते हुए सांसद बृजभूषण को निशाने पर लिया।
अखिलेश यादव को धन्यवाद देने के यह थे सियासी मायने
जैसे-जैसे लोकसभा के चुनाव नजदीक आते जा रहे हैं, उसी तरह से सियासी सरगर्मियां भी बढ़ती जा रही हैं। खासतौर से उत्तर प्रदेश में भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह के आगामी सियासी सफर को लेकर कयास लगाए जा रहे हैं। उसमें भी अब कुछ नए मोड़ आ रहे हैं। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि बृजभूषण शरण सिंह ने अखिलेश यादव को जब धन्यवाद दिया और पहलवानों में यादवों की संख्या का जिक्र किया, तो माना जाने लगा था कि वह बृजभूषण शरण सिंह का सियासी दांव ही था। राजनीतिक विश्लेषक ओमप्रकाश तंवर कहते हैं कि समाजवादी पार्टी के मुखिया और यादवों के प्रति दिए गए बयान से माना तो यही जा रहा था कि अगर भाजपा उनके खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई करती है, तो समाजवादी पार्टी में उनकी संभावनाएं बनी रहें। वह कहते हैं कि समाजवादी पार्टी ने भी उस वक्त बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ न कोई बयान जारी किया था और न ही कोई नेता इस बारे में बोला था।