सरकार ने भारत आने वाले यात्रियों को बड़ी राहत दी है। कोरोना वायरस के मामलों में कमी के बीच सरकार ने अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के लिए यह सुविधा फॉर्म भरने की अनिवार्यता को समाप्त कर दिया है। यह फैसला स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से लिया गया है। एक अधिसूचना जारी करते हुए स्वास्थ्य मंत्रालय ने साफ तौर पर कहा है कि अंतरराष्ट्रीय आगमन के लिए संशोधित दिशा-निर्देश 22 नवंबर से प्रभावी हो गया है। इससे पहले अंतरराष्ट्रीय यात्रियों को भारत आने से पहले एयर सुविधा फॉर्म भरने होती थी। इसे कोरोना वायरस महामारी के दौरान शुरू किया गया था। इसी दौरान हवाई यात्रा करने वाले लोगों पर प्रतिबंध भी लगाए गए थे ताकि इसका ट्रांसमिशन रोका जा सके। हवाई यात्रियों को वैक्सीन सर्टिफिकेट और कोरोना टेस्ट रिपोर्ट भी देना होता था। इसके लिए एयरपोर्ट पर उनसे सेल्फ डिक्लेरेशन फॉर्म भी भरवाया जाता था। हालांकि अब इसको लेकर यात्रियों को बड़ी राहत मिली है। नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने भी एक नोटिस जारी करते हुए कहा कि देश और दुनिया में कोरोना वायरस के मामलों में कमी को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है। पिछले हफ्ते, उड्डयन मंत्रालय ने यह भी कहा था कि हवाई यात्रा के दौरान मास्क का इस्तेमाल अनिवार्य नहीं है, लेकिन यात्रियों को इसका उपयोग करना चाहिए। आपको बता दें कि महामारी के मद्देनजर, निर्धारित घरेलू उड़ान सेवाओं को 25 मार्च, 2020 से दो महीने के लिए निलंबित कर दिया गया था। निर्धारित अंतरराष्ट्रीय उड़ान सेवाओं को भी उसी दिन से निलंबित कर दिया गया था, जो इस साल 27 मार्च से बहाल की गई थी।स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जो नया दिशा निर्देश जारी किया गया है उसके मुताबिक यात्रियों को हवाई यात्रा से पहले अपने देश में कोरोना टीकाकरण कार्यक्रम के अनुसार टीका जरूर लगवाना चाहिए। इसके साथ ही यात्रियों के आगमन पर उनकी शारीरिक दूरी भी सुनिश्चित होनी चाहिए। साथ ही साथ दिशानिर्देश में यह भी कहा गया है कि आने वाले सभी अंतरराष्ट्रीय यात्रियों की थर्मल स्क्रीनिंग प्रवेश स्थल पर मौजूद स्वास्थ्य अधिकारियों के द्वारा की जाएगी। अब सवाल यह है कि अगर कोविड-19 का लक्षण पाए जाता है तो फिर क्या किया जाएगा? इसके जवाब में बताया गया है कि लक्षण पाए जाने पर यात्रियों को तुरंत अलग कर दिया जाएगा। स्वास्थ्य प्रोटोकॉल के अनुसार उन्हें चिकित्सा केंद्र ले जाया जाएगा।