हाल में ही भारत और चीन के बीच अरुणाचल प्रदेश के तवांग में झड़प की खबर आई थी। 9 दिसंबर को चीनी सेना ने एलएसी पर एकतरफा स्थिति बदलने की कोशिश की, जिसका जवाब भारतीय सेना की ओर से दिया गया। इन सबके बीच खबर यह है कि भारत और चीन के बीच कमांडर स्तर के 17वें दौर की बैठक 20 दिसंबर को हुई है। यह बैठक ऐसे समय में हुई है जब दोनों देशों के बीच तनाव अपने चरम पर है। दरअसल, भारत और चीन के बीच 2020 से सीमा पर तनाव लगातार बढ़ता जा रहा है। मई 2020 में गलवान घाटी में हुई झड़प के बाद दोनों देशों के बीच सैन्य स्तर की बातचीत चल रही है। अब तक 16 दौर की बातचीत हो चुकी थी। 17वें द्वार की बातचीत 20 दिसंबर को संपन्न हुई है। इस बात की जानकारी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने दी है। अरिंदम बागची ने कहा कि भारत-चीन कोर कमांडर स्तर की 17वीं दौर की बैठक 20 दिसंबर को चुशुल मोल्दो में चीनी पक्ष द्वारा आयोजित हुई थी। उन्होंने आगे बताया कि दोनों पक्षों ने पश्चिमी क्षेत्र में LAC के साथ विचारों का आदान-प्रदान किया और शेष मुद्दों पर जल्द से जल्द काम करने के लिए खुलकर और गहन चर्चा की। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने बताया कि दोनों पक्ष पश्चिमी क्षेत्र में जमीन पर सुरक्षा और स्थिरता बनाए रखने और सैन्य और राजनयिक चैनलों के माध्यम से बातचीत बनाए रखने और पारस्परिक रूप से स्वीकृत संकल्प पर काम करने पर सहमत हुए। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने चीन में बढ़ते कोरोना मामलों पर भी अपनी बात रखी। बागची ने कहा कि हम चीन में कोविड की स्थिति पर नजर रख रहे हैं। हम दुनिया की फार्मेसी हैं और उस रूप में हमेशा दूसरे देशों की मदद की है। उन्होंने कहा कि हमें अभी ट्रैवल एडवाइजरी जारी करना है, लेकिन लोगों को उस देश में स्थानीय दिशानिर्देशों का पालन करना चाहिए जहां वे रह रहे हैं। अफगानिस्तान को लेकर उन्होंने कहा कि हमने इसे चिंता के साथ नोट किया है। भारत ने अफगानिस्तान में लगातार महिला शिक्षा का समर्थन किया है। मैं यूएनएससी संकल्प 2593 को भी याद करना चाहूंगा, जो मानव अधिकारों को बरकरार रखता है जो महिलाओं के लिए समान भागीदारी का आह्वान करता है।