मेडिकल कॉलेज के वॉशरूम में चुपके से बनायी गयी लड़की की नहाते हुए वीडियो

कर्नाटक के उडुपी में एक प्रतिष्ठित मेडिकल संस्थान में पढ़ने वाली तीन लड़कियों को महिला शौचालय में एक अन्य छात्रा का वीडियो बनाने के बाद निलंबित कर दिया गया। रिपोर्टों के अनुसार, निलंबित लड़कियाँ – अलीमातुल शैफ़ा, शबानाज़ और आलिया – ने कथित तौर पर अपनी कॉलेज की साथी की नहाते वक्त और वॉशरुम का यूज करते वक्त वीडियो रिकॉर्ड की। इन तीनों लड़कियों ने वीडियो रिकॉर्ड करने के लिए महिलाओं के शौचालय में वीडियो कैमरे लगाए थे। जब घटना सामने आई तो निजता के उल्लंघन को लेकर अन्य छात्रों ने गुस्से में विरोध प्रदर्शन किया और आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की। इसके बाद ऑप्टोमेट्री इंस्टीट्यूट ने तीन छात्रों को निलंबित कर दिया।

संस्थान के निदेशक के अनुसार, आरोपियों को दो कारणों से निलंबित किया गया था – पहला, वे कॉलेज में मोबाइल फोन लाए थे, जिस पर प्रतिबंध है, और दूसरा, उन्होंने इसका इस्तेमाल वॉशरूम में वीडियो फिल्माने के लिए किया था।

 

सोशल मीडिया पर कुछ लोगों ने 1992 के कुख्यात अजमेर सेक्स स्कैंडल के साथ समानताएं खींची हैं, जिसमें सैकड़ों स्कूल जाने वाली और कॉलेज जाने वाली लड़कियों को नग्न तस्वीरों के साथ ब्लैकमेल किया गया था और अल्पसंख्यक समुदाय के पुरुषों द्वारा सामूहिक बलात्कार किया गया था।मानवाधिकार कार्यकर्ता रश्मी सामंत ने उडुपी की घटना को अजमेर की घटना से जोड़ा है। ट्वीट्स की एक शृंखला में उन्होंने आरोप लगाया कि नग्न तस्वीरों के साथ ब्लैकमेल की गईं “बेदाग” लड़कियों को परेशान किया गया और उन्हें अपना जीवन समाप्त करने के लिए प्रेरित किया गया। कथित तौर-तरीकों को समझाते हुए, सामंत ने आरोप लगाया कि ऐसे वीडियो या तस्वीरें सामुदायिक व्हाट्सएप समूहों में अपराधियों को भेजी गईं थीं। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे की न तो निंदा की जा रही है और न ही इसे ”उस गंभीरता के साथ देखा जा रहा है जिसकी यह हकदार है।”

एक अन्य सोशल मीडिया यूजर ने उडुपी घटना को अजमेर सेक्स स्कैंडल से जोड़ते हुए इसे ‘अजमेर 1992 पार्ट 2’ करार दिया। एक अन्य सोशल मीडिया यूजर ने भी यही दावा किया और इसे ‘उडुपी फाइल्स’ कहा जा सकता है।

 

1992 का अजमेर सेक्स स्कैंडल क्या है?

90 के दशक में देश को हिलाकर रख देने वाले सबसे भयावह सेक्स स्कैंडलों में से एक, अजमेर कांड, जो 1992 में सामने आया था, वह था स्कूलों और कॉलेजों में पढ़ने वाली सैकड़ों लड़कियों को व्यवस्थित रूप से ब्लैकमेल करना और सामूहिक बलात्कार करना। रिपोर्टों के अनुसार, यह कुछ वर्षों में हुआ।

 

अपराधी अंतरंग क्षणों को रिकॉर्ड करके या नग्न तस्वीरें पोस्ट करके पीड़ितों को ब्लैकमेल करते थे। इन अश्लील तस्वीरों या वीडियो को फिर स्थानीय गिरोहों को भेज दिया जाता था, जिनमें ज्यादातर अल्पसंख्यक समुदाय के लोग होते थे, जो लड़कियों का यौन शोषण करते थे।

 

यह तब शुरू हुआ जब कथित तौर पर अजमेर शरीफ दरगाह से जुड़े एक व्यक्ति ने एक लड़की से दोस्ती की और उसे जाल में फंसाया। इससे वह सिलसिला शुरू हुआ जो सैकड़ों स्कूल और कॉलेज जाने वाली लड़कियों के शोषण के साथ समाप्त होगा।

 

यह दिल दहला देने वाली घटना अप्रैल में तब सामने आई जब एक स्थानीय अखबार ने कथित तौर पर लड़कियों की कुछ अश्लील तस्वीरें प्रकाशित कीं और एक रिपोर्ट में आरोप लगाया कि स्थानीय गिरोहों द्वारा उनका यौन शोषण किया जा रहा है।

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