सामाजिक कार्यकर्ता समीना खान ने कहा उनका ज्ञान हर विषय में था। उन्हें जिस विषय में बोलने को कहा जाये वह स्पष्ट रूप से उस विषय को व्यक्त करते थे। उनके द्वारा कही गई बात को जहां भी किसी को सुनने का मौका मिलता था तो कोई भी उस मौके को छोड़ना नहीं चाहते थे। छत्तीसगढ़ के सुप्रसिद्ध कवि पथिक तारक ने उनके लेखन पर अपनी बात रखते हुए कहा कि उन्होंने कथा यात्रा, उत्तर कथा जैसी पुस्तक का लेखन किया। जिसमें उनकी संपादन की शैली और भाषा की सटीकता स्पष्ट रुप से दिखती है। साथ ही अंग्रेजी, उर्दू और पंजाबी की सात पुस्तकों का हिंदी में अनुवाद किया। हमें उनके लेखन की कला को आत्मसात करने कि जरूरत है।श्रद्धांजलि सभा का संचालन पीआरएसआई रायपुर चैप्टर के चेयरमैन डॉ. शाहिद अली ने किया उन्होंने रमेश नैय्यर जी को श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए कहा कि वह पत्रकारिता के एक पूरे विश्वविद्यालय थे। उनका जाना पत्रकारिता और समाज के लिए बहुत बड़ी हानि है। साथ ही श्रद्धांजलि सभा टॉपर एजुकेशन सोसाइटी के नागेन्द्र दुबे, पीआरएसआई रायपुर चैप्टर के कार्यकारिणी सदस्य डॉ. राजेन्द्र मोहंती, कार्टून वॉच के संपादक त्र्यम्बक शर्मा, बबूल तिवारी, रामशरण टण्डन, भूपेश त्रिपाठी, आदिती त्रिपाठी ने भी अपनी स्मृति सांझा कि। अंत में पीआरएसआई, रायपुर चैप्टर के सह-सचिव डॉ. अदिति नामदेव ने आभार व्यक्त किया।पीआरएसआई रायपुर चैप्टर के कार्यकारिणी सदस्य विनोद सावंत, चंद्रेश कुमार चौधरी, कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय के शिक्षक, शोधार्थी, छात्र, पीआरएसआई के सदस्य, पत्रकार और समाज के प्रबुद्धजन उपस्थित रहें।