जम्मू और कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (जेकेएलएफ) के प्रमुख यासीन मलिकवर्तमान में तिहाड़ जेल में बंद हैं। उन्हें गुरुवार को रुबैया सईद अपहरण के सिलसिले में जम्मू की एक विशेष अदालत के सामने पेश किया गया। सीबीआई की वकील मोनिका कोहली के अनुसार मलिक 1989 के अपहरण मामले में आज टाडा (आतंकवादी और विघटनकारी गतिविधि अधिनियम) अदालत में पेश हुए। गृह मंत्रालय (एमएचए) ने जम्मू में एक विशेष अदालत के समक्ष व्यक्तिगत रूप से पेश होने के लिए जेकेएलएफ के संस्थापक के आंदोलन को प्रतिबंधित करने के निर्देश जारी किए थे।मुख्य अभियोजक कोहली ने कहा कि रुबैया सईद अपहरण मामले में सुनवाई हुई। यासीन मलिक को अदालत द्वारा पेश किए जाने वाले वारंट के अनुसार अदालत में पेश किया जाना था। लेकिन उसके आंदोलन पर प्रतिबंध के एमएचए के आदेश के कारण उसे पेश नहीं किया गया और सुनवाई में भाग लिया। वकील ने कहा कि रूबैया ने छूट की अर्जी दाखिल की है, जिसे कोर्ट ने मंजूर कर लिया, इसलिए वह कोर्ट में पेश नहीं हुईं। मलिक ने कहा कि सुनवाई की अगली तारीख 24 नवंबर है।पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती की बहन और जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद की बेटी रुबैया सईद का 8 दिसंबर, 1989 को जेकेएलएफ के आतंकवादियों ने अपहरण कर लिया था। टेरर फंडिंग मामले में तिहाड़ जेल में उम्रकैद की सजा काट रहा यासीन मलिक अन्य लोगों के साथ इस मामले में आरोपी है।