मणिपुर को लेकर सड़क से संसद तक जबरदस्त तरीके से हंगामा जारी है। पूरे मामले पर राजनीति भी हो रही है। संसद के मानसून सत्र का आज तीसरा दिन भी इस मुद्दे को लेकर हंगामेदार रहा और कामकाज दोनों ही सदनों में बाधित रहा। हालांकि, सरकार का दावा है कि वह मणिपुर को लेकर चर्चा को तैयार है। लेकिन विपक्ष चर्चा चाहता ही नहीं। आज इसको लेकर केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने एक संवाददाता सम्मेलन किया। इस दौरान उन्होंने विपक्षी दलों पर जबरदस्त तरीके से निशाना साधा।
स्मृति ईरानी का निशाना
स्मृति ईरानी ने कहा कि गृह मंत्रालय की ओर से मणिपुर की सुरक्षा के संबंध में देश के गृह मंत्री अमित शाह दोनों सदनों में चर्चा के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा कि हम अचंभित हैं कि विपक्ष से मणिपुर पर चर्चा से भाग रही है। उन्होंने कहा कि सवाल यह उठता है कि विपक्ष मणिपुर से संबंधित घटनाओं पर चर्चा करने के बजाय उस चर्चा से संबंधित मंत्री द्वारा चर्चा से क्यों भाग रहा है? कांग्रेस नेताओं की ओर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर की जा रही टिप्पणी को लेकर उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी के कई नेता यह सोच रखते हैं कि अगर वह इस तरह से बयान देंगे तो उन्हें एक खास परिवार की ओर से पुरस्कृत किया जाएगा। उन्होंने कहा कि पहले भी हमने कांग्रेस और उसके नेताओं की ओर से नरेंद्र मोदी को लेकर अलग-अलग तरह के बयान सुन चुके हैं जिसमें मौत के घाट उतारने का भी जिक्र था। इसके साथ ही उन्होंने लाल डायरी का जिक्र करते हुए कहा कि चाहे डायरी का कोई रंग हो, उस डायरी में कांग्रेस के काले कारनामे लिखे हैं। भाजपा सांसद राज्यवर्धन सिंह राठौर ने कहा कि कांग्रेस (मणिपुर पर) चर्चा नहीं करना चाहती क्योंकि वह जानती है उसका सरकार के जवाब से उनका ड्रामा खत्म हो जाएगा। उन्होंने कहा कि वे सड़क पर शोर मचाते की उनको चर्चा करनी है और लोकसभा को चलने नहीं देते। लोकसभा स्पीकर ने 12 बजे से चर्चा करने के लिए कहा लेकिन कांग्रेस उसके बाद भी चर्चा से भाग रही है। राजस्थान के बर्खास्त मंत्री और कांग्रेस नेता राजेंद्र गुढ़ा द्वारा ‘लाल डायरी’ का उल्लेख करने पर केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि मैं (राजस्थान के मुख्यमंत्री) अशोक गहलोत से पूछना चाहता हूं कि यह ‘लाल डायरी’ क्या है? इसे लेकर सरकार में बेचैनी क्यों है?