विनोद तावड़े की हो सकती है महाराष्ट्र में एंट्री

महाराष्ट्र में बदली हुई सियासत अगर अपनी तय योजना के अनुरूप ही आगे बढ़ी तो एनसीपी के नेता प्रफुल्ल पटेल और महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को केंद्रीय मंत्रिमंडल में जगह मिल सकती है। सियासी तौर पर आने वाले लोकसभा चुनावों में भाजपा को यह समीकरण ज्यादा मुफीद नजर आ रहे हैं। वहीं सियासी गलियारों में चर्चा इस बात की भी हो रही है कि भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव और महाराष्ट्र के कद्दावर भाजपा नेता विनोद तावड़े को राज्य की सरकार में महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी जा सकती है। राजनीतिक जानकारों का मानना है कि अगर ऐसा होता है तो इस दशा में महाराष्ट्र में एकनाथ शिंदे को अब पूरी तरह से किनारे लगाए जाने की तैयारी मानी जा सकती है।

इसलिए बन रहा माहौल, प्रफुल्ल पटेल बन सकते हैं केंद्र में मंत्री…

महाराष्ट्र में सियासत की जो नई तस्वीर उभरकर सामने आई है, उसमें एनसीपी भाजपा की मजबूत सहयोगी के तौर पर सामने आ रही है। राजनीतिक जानकारों का कहना है कि इस गठबंधन को और मजबूत करते हुए केंद्र में होने वाले मंत्रिमंडल के विस्तार के दौरान पार्टी के बड़े नेता प्रफुल्ल पटेल को मंत्री भी बनाया जा सकता है। राजनीतिक विश्लेषक और वरिष्ठ पत्रकार हिमांशु शितोले का मानना है कि प्रफुल्ल पटेल को केंद्र में लेकर भाजपा एनसीपी के मराठा वोटरों को एक बड़ा संदेश देने की कोशिश कर सकती है। वह कहते हैं हालांकि प्रफुल्ल पटेल मराठा तो नहीं है, लेकिन जिस पार्टी में वह लंबे समय तक रहे उसका महाराष्ट्र के मराठा वोटरों में सबसे ज्यादा प्रभाव रहा है। इसलिए अगर एनसीपी के बड़े नेता अजित पवार को राज्य का उपमुख्यमंत्री और उनके साथ पार्टी में शामिल हुए दूसरे बड़े नेता और पार्टी के वर्तमान कार्यकारी अध्यक्ष प्रफुल्ल पटेल को केंद्र में मंत्री बनाया जाता है, तो आने वाले लोकसभा और विधानसभा चुनावों में भाजपा के लिए जातिगत समीकरणों के आधार पर महाराष्ट्र की सियासत और आसान हो जाएगी। इसके अलावा प्रफुल्ल पटेल से महाराष्ट्र में गुजरात के वोटरों पर और मजबूत पकड़ हो सकेगी।

देवेंद्र फडणवीस को लेकर यह लगाए जा रहे कयास

सूत्रों के मुताबिक सिर्फ प्रफुल्ल पटेल ही नहीं बल्कि महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को भी केंद्र में मंत्री के तौर पर आगे बढ़ाया जा सकता है। हालांकि महाराष्ट्र के सियासी जानकारों का कहना है कि देवेंद्र फडणवीस को केंद्र में भेजा जाएगा इसकी संभावनाएं बहुत मजबूत नजर नहीं आ रही हैं। इसके पीछे तर्क देते हुए राजनीतिक जानकार कहते हैं कि देवेंद्र फडणवीस को भाजपा का एक बड़ा सियासी धड़ा अंदरूनी तौर पर नापसंद करता है। महाराष्ट्र के वरिष्ठ पत्रकार और राजनीतिक विश्लेषण प्रदीप सिंह कहते हैं कि देवेंद्र फडणवीस अभी तक सरकार में मुख्यमंत्री के बाद दूसरे नंबर की हैसियत में उपमुख्यमंत्री का पद संभाल रहे थे। अब देवेंद्र फडणवीस के बराबर का ही एक और नेता उपमुख्यमंत्री की कुर्सी पर बिठा दिया गया है। यानी देवेंद्र फडणवीस की ताकत को बतौर उपमुख्यमंत्री और आधा कर दिया गया है। प्रदीप कहते हैं कि महाराष्ट्र में सियासी नजरिए से इसके कई मायने निकाले जा रहे हैं। हालांकि राजनीतिक जानकार बताते हैं कि देवेंद्र फडणवीस जैसे वरिष्ठ नेता को केंद्र में मंत्री बनाए जाने की चर्चा पहले भी हुई थी।

भाजपा नेता विनोद तावड़े की हो सकती है वापसी

महाराष्ट्र के सियासी गलियारों में मची उथल-पुथल के बाद अब राजनीतिक हलकों में यह चर्चा हो रही है कि भाजपा के बड़े नेता विनोद तावड़े को महाराष्ट्र में वापस महत्वपूर्ण जिम्मेदारी के साथ भेजा जा सकता है। राजनीतक विश्लेषक अरुण वाडवलकर का कहना है कि संगठनात्मक स्तर पर विनोद तावड़े की बीते कुछ सालों में जो उपलब्धियां रही है, उसे ध्यान में रखते हुए केंद्रीय नेतृत्व उनको महाराष्ट्र में बड़ी जिम्मेदारी के साथ मराठा वोटरों को साधने के लिए भेज सकता है। महाराष्ट्र की राजनीति को करीब से समझने वाले राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि विनोद तावडे और देवेंद्र फडणवीस का अंदरूनी तौर पर सियासी सामंजस्य नहीं दिखता है। जानकारों का कहना है कि अगर ऐसा होता है तो महाराष्ट्र की सियासत में विनोद तावडे की मजबूत स्थिति दर्ज होती हुई देखी जाएगी। विनोद तावडे भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव भी हैं और कई राज्यों के प्रभारी भी रह चुके हैं।

एकनाथ शिंदे की शिवसेना का क्या होगा

महाराष्ट्र में इस वक्त जिस तरीके की राजनीति चल रही है, उसमें एक बात तो बिल्कुल स्पष्ट है कि एकनाथ शिंदे और उनके साथ आए नेताओं को फिलहाल दरकिनार होते देखा जा रहा है। राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि एकनाथ शिंदे मुख्यमंत्री जरूर हैं, लेकिन जो परिस्थितियां महाराष्ट्र में बन रही हैं उसमें एकनाथ शिंदे मुख्यमंत्री बने रहेंगे, इसे लेकर तमाम तरह के कयास लगाए जा रहे हैं। वरिष्ठ पत्रकार प्रदीप सिंह कहते हैं कि जब एकनाथ शिंदे ने भाजपा के साथ महाराष्ट्र में सरकार बनाई थी, तब चर्चा यही हो रही थी कि उनकी पार्टी केंद्रीय मंत्रिमंडल में हिस्सेदारी मिले। केंद्र में जब-जब मंत्रिमंडल विस्तार या फेरबदल की चर्चाएं होती थीं, तो इस बात का जिक्र भी होता था कि एकनाथ शिंदे की शिवसेना को जिम्मेदारी मिल सकती है। अब महाराष्ट्र में भाजपा का एनसीपी के साथ हुए गठबंधन के चलते केंद्रीय मंत्रिमंडल की भागीदारी में एनसीपी के नेताओं का भी नाम सामने आ रहा है। राजनीतिक विश्लेषक और वरिष्ठ पत्रकार हिमांशु कहते हैं कि केंद्रीय मंत्रिमंडल के फेरबदल और विस्तार में महाराष्ट्र की जिस पार्टी के नेता को जगह मिलेगी उसका ही महाराष्ट्र में भाजपा के साथ नया मजबूत सियासी गठबंधन माना जाएगा।

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