प्रधानमंत्री मोदी ने आज संसद के नए भवन का उद्घाटन कर दिया है। हालांकि यह ऐतिहासिक कार्यक्रम भी दलगत राजनीति से नहीं बच सका और कांग्रेस समेत 20 राजनीतिक पार्टियों ने इस कार्यक्रम का बहिष्कार किया। राजनीति के जानकारों का मानना है कि इस विरोध के बहाने विपक्षी एकता को भी मजबूती दी जा रही है। हालांकि भाजपा भी विपक्ष की इस रणनीति को समझ रही है। यही वजह है कि संसद के नए भवन में जब प्रधानमंत्री मोदी ने अपना पहला संबोधन दिया तो उस दौरान संसद भवन में अगली कतार में कई ऐसे चेहरे दिखे, जो 2024 में एनडीए के साथ जा सकते हैं। इन 20 पार्टियों ने किया उद्घाटन समारोह का बहिष्कार
बता दें कि विपक्षी पार्टियों ने संसद के नए भवन के उद्घाटन समारोह के बहिष्कार का एलान किया। इनमें से 19 पार्टियों ने एक संयुक्त बयान जारी किया, जिसमें कहा गया है कि पीएम मोदी द्वारा संसद के नए भवन का उद्घाटन लोकतंत्र का अपमान और उस पर सीधा हमला है। राष्ट्रपति, देश के प्रमुख होते हैं और संसदीय परंपरा का भी हिस्सा होते हैं। संसद बिना राष्ट्रपति के काम नहीं कर सकती। जिन पार्टियों ने कार्यक्रम का बहिष्कार किया, उनमें कांग्रेस, डीएमके, शिवसेना (उद्धव ठाकरे), आप, समाजवादी पार्टी, सीपीआई, झारखंड मुक्ति मोर्चा, केरल कांग्रेस मानी, विधुथलाई चिरुथाईगल काची, रालोद, टीएमसी, जदयू, एनसीपी, सीपीआई एम, राजद, आईयूएमएल, नेशनल कान्फ्रेंस, आरएसपी, एमडीएमके, एआईएमआईएम शामिल रहीं।
2024 में एनडीए का हिस्सा हो सकती हैं ये पार्टियां
जहां एक तरफ विपक्ष संसद के नए भवन के उद्घाटन के सहारे एकजुटता दिखा रहा है। वहीं सरकार भी अपनी तैयारियों को पुख्ता करने में जुटी है। इसी रणनीति के तहत कई राजनीतिक पार्टियों के प्रमुख संसद में अगली पंक्ति में बैठे दिखाई दिए। इनमें जदएस नेता एचडी देवेगौड़ा, वाईएसआर कांग्रेस प्रमुख और आंध्र प्रदेश के सीएम जगन मोहन रेड्डी और बीजद प्रमुख नवीन पटनायक जैसे नेता शामिल रहे। साथ ही लोजपा (रामविलास), बसपा, तेदेपा के नेता भी उद्घाटन कार्यक्रम में शामिल हुए।