माफिया अतीक अहमद अपने एक सफेदपोश करीबी से हर बात साझा करता था। मोबाइल के जरिए साबरमती जेल से रोजाना किसी न किसी बहाने फोन करके सियासत का हाल भी लेता था।
राजूपाल हत्याकांड के गवाह उमेश पाल को ठिकाने लगाने के बाद उसने इसी करीबी से कहा था कि टाइमिंग गलत हो गई। सदन चल रहा था, अभी कोई काम नहीं करना था। अब एसटीएफ अतीक के इसी सफेदपोश करीबी को तलाश रही है। उमेश पाल की हत्या के बाद वह भी पुलिस से बचने के लिए भूमिगत हो चुका है।
दरअसल, एसटीएफ को साबरमती जेल से अतीक और उसके करीबी के बीच हुई बातचीत के पुख्ता सुराग हाथ लगे हैं। एक कॉल में अतीक उससे बोल रहा है कि सुबह से सौ बार फेसटाइम पर बात करने की कोशिश कर चुका हूं, उठाते क्यों नहीं हो। ये कॉल अतीक ने फेसटाइम पर संपर्क न होने पर अपने करीबी से की थी, जिसका ब्योरा अब एसटीएफ के पास मौजूद है।