मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पार्टी के संसदीय बोर्ड और केंद्रीय चुनाव समिति से बाहर कर दिया गया है। बताया जा रहा है कि उनका कद कम हुआ है। इससे एक बार फिर उनके उत्तराधिकारी के नामों पर चर्चा तेज हो गई है।
भाजपा ने राष्ट्रीय स्तर पर बड़े बदलावों की घोषणा की है। भाजपा की सबसे ताकतवर बॉडी संसदीय बोर्ड और केंद्रीय चुनाव समिति से शिवराज सिंह चौहान को बाहर करने के सियासी मायने निकाले जा रहे हैं। ऐसे में फिर चर्चा शुरू हो गई है कि प्रदेश में आगामी चुनाव से पहले बीजेपी अपना चेहरा बदल सकती है। अब सवाल उठता है कि शिवराज का उत्तराधिकारी बनने की क्षमता किस-किस में है?
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के चेहरा बदलने की सुगबुगाहट शुरू होते ही प्रदेश में कई नामों की चर्चा शुरू हो जाती है। कांग्रेस से बीजेपी में आए केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, प्रहलाद पटेल और गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा के नाम सबसे आगे हैं। हालांकि, भाजपा में मोदी-शाह की जोड़ी हमेशा अपने निर्णय से चौंकाती रही है। संसदीय बोर्ड और केंद्रीय चुनाव समिति में पूर्व केंद्रीय मंत्री सत्यनारायण जटिया को प्रदेश से मौका दिया गया है। जटिया के बारे में कहा जा रहा था कि अब उनकी उम्र हो गई है और वे रिटायर्ड होंगे। बीजेपी संगठन ने उनको संसदीय बोर्ड और चुनाव समिति में मौका देकर उनका प्रदेश में कद बढ़ा दिया है।