दिल्ली की आम आदमी पार्टी की मुश्किलें कम होने की बजाए लगातार बढ़ती ही जा रही हैं। पहले दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन फिर शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया और अब दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी निशाने पर आ गए हैं। केजरीवाल पर स्टांप ड्यूटी से बचने का आरोप है। उपराज्यपाल को भेजी गई शिकायत में किसी आदमी ने आरोप लगाया है कि दिल्ली सीएम ने अपनी पत्नी के माध्यम से बाजार भाव पर जमीन बेची और कागजों पर भाव कम दिखाया। दिल्ली लोकायुक्त को दिल्ली के मुख्यमंत्री के खिलाफ शिकायत मिली है जिसमें दावा किया गया है कि उन्होंने 4.54 करोड़ रुपये में तीन जमीन का टुकड़ा बेचा, लेकिन कागजों पर 72.72 लाख रुपये की कम कीमत दिखाया।रिपोर्ट्स के मुताबि शिकायत में दावा किया गया है कि केजरीवाल ने फरवरी 2021 में अपनी पत्नी सुनीता केजरीवाल के जरिए 45,000 रुपये प्रति वर्ग गज की दर से प्लॉट बेचे। हालांकि कागजों पर उन्होंने रु. 8300 प्रति वर्ग गज दिखाया। इसके साथ ही आरोप लगाया था कि आप के राष्ट्रीय संयोजक ने “स्टाम्प ड्यूटी में 25.93 लाख रुपये और पूंजीगत लाभ कर के रूप में 76.4 लाख रुपये का हेर फेर किया है। दिनांक 28 अगस्त को सक्सेना द्वारा आगे की आवश्यक कार्रवाई के लिए मुख्य सचिव को शिकायती पत्र लिखा गया है। यह मामला हरियाणा के भिवानी जिले की पैतृक संपत्ति से जुड़ा मामला है।इस बीच एलजी कार्यालय ने अरविंद केजरीवाल को शहर के नगर निगमों को शिक्षा और स्वास्थ्य प्रमुखों के तहत 383.74 करोड़ रुपये जारी करने के लिए भी कहा है। ट्विटर पर सीएम को लिखे एक पत्र को साझा करते हुए सक्सेना के कार्यालय ने कहा कि उन्होंने दो साल से लंबित फंड को जारी करने के लिए कहा है। उन्होंने पत्र में कहा, “बिना किसी कारण के” फंड रखने से दिल्ली में प्राथमिक शिक्षा और स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है।