समलैंगिक जोड़े की याचिका पर होगी सुनवाई, केरल हाईकोर्ट के फैसले को दी गई है चुनौती

सुप्रीम कोर्ट एक समलैंगिक जोड़े की याचिका पर तत्काल सुनवाई के लिए तैयार हो गया है। याचिका में केरल उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती दी गई है। उच्च न्यायालय ने समलैंगिक जोड़े को मनोचिकित्सक के साथ परामर्श सत्र में भाग लेने का आदेश दिया था, जिसके बाद समलैंगिक जोड़े ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ सोमवार को ही इस मामले की सुनवाई करेगी।

विक्टोरिया गौर की न्यायाधीश के रूप में नियुक्ति पर भी कोर्ट करेगा सुनवाई

सुप्रीम कोर्ट वकील एल विक्टोरिया गौरी की मद्रास उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में नियुक्ति को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई के लिए तैयार हो गया। मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ और जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जेबी पारदीवाला की पीठ ने वरिष्ठ अधिवक्ता राजू रामचंद्रन की याचिका पर सुनवाई को मंजूरी दे दी। कोर्ट मामले में सात फरवरी को सुनवाई करेगी।

मद्रास उच्च न्यायालय की मदुरै खंडपीठ के समक्ष केंद्र का प्रतिनिधित्व करने वाली महिला वकील को पदोन्नत करने का प्रस्ताव कथित तौर पर तब विवादास्पद हो गया, जब उनके भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से कथित संबद्धता के बारे में खबरें सामने आईं। न्यायाधीश पद के लिए प्रस्तावित वकील के मुस्लिम और ईसाइयों के बारे में कुछ बयान सामने आए हैं।

धर्मांतरण: राज्य कानूनों से संबंधित याचिकाओं पर 17 मार्च को सुनवाई

उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को कहा कि वह जबरन धर्मांतरण के दो अलग-अलग मुद्दों और अंतर्धार्मिक विवाहों के कारण होने वाले धर्मांतरण पर राज्य के विभिन्न कानूनों को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर 17 मार्च को सुनवाई करेगा। मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ से वकील अश्विनी उपाध्याय ने आग्रह किया था कि जबरन धर्मांतरण के खिलाफ उनकी याचिका उन याचिकाओं के बैच से अलग थी, जो धार्म परिवर्तन पर विभिन्न राज्य कानूनों की वैधता को चुनौती दे रही हैं। उन्होंने बेंच से कहा कि मैं न तो राज्य के कानूनों का समर्थन कर रहा हूं और न ही उनका विरोध कर रहा हूं। मेरी याचिका जबरन धर्मांतरण के अलग-अलग मुद्दे से संबंधित है। उपाध्याय ने अपनी जनहित याचिका पर अलग से सुनवाई की मांग की।

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