बिहार और महाराष्ट्र में तीन नवंबर को होने वाले विधानसभा उपचुनाव इन राज्यों में सत्ता परिवर्तन के बाद बनी सरकारों की लोकप्रियता की पहली चुनावी परीक्षा है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और शिवसेना का उद्धव ठाकरे खेमा अंधेरी पूर्व विधानसभा सीट पर एक-दूसरे के खिलाफ हैं। इस सीट पर उपचुनाव एकनाथ शिंदे की अगुवाई में शिवसेना में बगावत के पश्चात राज्य में महा विकास आघाडी सरकार के गिरने के बाद जनादेश की पहली परीक्षा है। शिंदे शिवसेना के 55 विधायकों में से 40 विधायकों का समर्थन जुटाकर ठाकरे की जगह महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बन गए थे। भाजपा ने उपचुनाव में ठाकरे खेमे की उम्मीदवार ऋतुजा लटके के खिलाफ मुरजी पटेल को खड़ा किया है और कांग्रेस, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) तथा वाम दल भाजपा के खिलाफ एकजुट हो गए हैं। इस सीट पर शिवसेना विधायक रमेश लटके के निधन के बाद उपचुनाव कराना जरूरी हो गया था। बिहार में मोकामा और गोपालगंज विधानसभा उपचुनाव मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की भाजपा से गठबंधन तोड़कर लालू प्रसाद की अगुवाई वाले राष्ट्रीय जनता दल (राजद) से हाथ मिलाने के बाद पहली चुनावी परीक्षा है।