नए संसद भवन के उद्घाटन का मामला अब सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। सर्वोच्च न्यायालय में दाखिल हुए एक जनहित याचिका में मांग की गई है कि संसद के नए भवन का उद्घाटन राष्ट्रपति द्वारा किया जाना चाहिए। गौरतलब है कि कई विपक्षी दल पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा संसद भवन के उद्घाटन का विरोध करते हुए कार्यक्रम के बहिष्कार की बात कह चुके हैं।
सुप्रीम कोर्ट के वकील सीआर सुकिन ने दायर की है याचिका
सुप्रीम कोर्ट के वकील सीआर जया सुकिन ने यह जनहित याचिका दाखिल की है। इसमें कहा गया है कि उद्घाटन समारोह में राष्ट्रपति को शामिल नहीं करके भारत सरकार ने भारतीय संविधान का उल्लंघन किया है। ऐसा करके संविधान का सम्मान नहीं किया जा रहा है।
याचिका में कहा गया है कि संसद भारत का सर्वोच्च विधायी निकाय है। भारतीय संसद में राष्ट्रपति और दो सदन (राज्यों की परिषद) राज्यसभा और जनता का सदन लोक सभा शामिल हैं। राष्ट्रपति के पास किसी भी सदन को बुलाने और सत्रावसान करने की शक्ति है। साथ ही संसद या लोकसभा को भंग करने की शक्ति भी राष्ट्रपति के पास है।