हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद ने तानाशाह हिटलर के इस ऑफर को ठुकरा दिया था

29 अगस्त का दिन भारत के लिए काफी खास है।देश राष्ट्रीय खेल दिवस के साथ-साथ महान हॉकी खिलाड़ी मेजर ध्यानचंद की जयंती भी मना रही है। हॉकी के जादूगर कहे जाने वाले मेजर ध्यानचंद ने अंग्रेजों के समय में भारतीय खेल को एक नये शिखर पर पहुंचाया था। 22 सालों तक मेजर ध्यानचंद ने भारत के लिए हॉकी खेला और इस दौरान 400 से इंटरनेशनल गोल दागे। उन्होंने तीन ओलंपिक में भारत को हॉकी में गोल्ड मेडल दिलाया था।महज 16 साल की उम्र में मेजर ध्यानचंद सेना में भर्ती हो गए थे और इस दौरान उन्हें सबसे ज्यादा अगर किसी चीज से प्यार हुआ तो वो हॉकी खेल था। दुनिया के 55 देशों के 400 से भी ज्यादा अवॉर्ड उन्हें मिला हुआ हैं। इसी को देखते हुए आज यानि 29 अगस्त को देश उनके जन्मदिन के मौके को खेल दिवस के रूप में मनाती है।
हिटलर से मुलाकात
मेजर ध्यानचंद की मुलाकात हिटलर से हुई थी। यह बात साल 1936 की है जब बर्लिन में ओलंपकि खेल चल रहे थे। जर्मनी के खिलाफ भारत ने 8-1 से जीत दर्ज कर ली थी। मेजर ध्यानचंद के खेल को देख तानाशाह एडोल्फ हिटलर भी मुरीद हो गए थे। जब मैच खत्म हुआ तो हिटलर मेजर ध्यानचंद से मिले और उन्हें अपनी सेना में बड़े पद का प्रस्ताव दिया। हिटलर के इस प्रस्ताव को मेजर ध्यानचंद ने बड़े ही प्यार और विनम्रता के साथ ठुकरा दिया। इसके बाद उनकी पूरी दुनिया में तारीफ होने लगी थी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *