जम्मू पहुंचा फ्लाइट लेफ्टिनेंट अद्वितीय बल का पार्थिव शरीर

राजस्थान के बाड़मेर में मिग-21 लड़ाकू विमान के दुर्घटनाग्रस्त हो जाने से वीरगति को प्राप्त हुए फ्लाइट लेफ्टिनेंट अद्वितीय बल का पार्थिव शरीर आज उनके गृह नगर जम्मू पहुंचा है। जैसे ही अद्वितीय बल के निधन की खबर आई थी, उसके बाद से उनके गांव में मातम पसरा हुआ है। परिवार वालों का रो-रो कर बुरा हाल है। इन सबके बीच उनके पार्थिव शरीर को देखने के बाद आज सभी की आंखें और भी नम हो गई। 26 साल की उम्र में अपने प्राण गंवाने वाले अद्वितीय बल बेहद बहादुर जवान थे। उनका शुरू से ही सपना एयरफोर्स में जाने का था। वह देश के लिए कुछ बड़ा करना चाहते थे। इस तरह के हादसे में उनके निधन से परिवार वालों को बड़ा सदमा लगा है। परिवार के एक सदस्य ने कहा कि उन्हें इस बात का ज्यादा अफसोस है कि अद्वितीय ‘दुश्मनों से लड़ते हुए शहीद होने’ के बजाय, एक ‘पुराने’ विमान को उड़ाते हुए मारा गया। आपको बता दें कि 28 जुलाई को राजस्थान के बाड़मेर में वायु सेना का मिग-21 जेट विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। अद्वितीय के अलावा हिमाचल प्रदेश के निवासी विंग कमांडर एम राणा की भी दुखद मृत्यु हुई थी। बल के रिश्तेदार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से आग्रह किया है कि पुराने पड़ चुके मिग-21 जेट विमानों के पूरे बेड़े को तत्काल सेवामुक्त कर दिया जाए ताकि और युवाओं की जान न जाए। बल के रिश्तेदार और पूर्व सैन्यकर्मी करमवीर ने कहा, “हमारा बच्चा युद्ध में दुश्मनों से लड़ने के लिए उत्साहित रहता था लेकिन दुर्घटना में उसकी मृत्यु होने के बाद उसका सपना पूरा नहीं हो सका। अद्वितीय बल के परिजनों को सांत्वना देने के लिए जम्मू के विभिन्न भागों से आए लोग आर एस पुरा शहर के जिन्दरमेहलू गांव में स्थित उनके घर पर एकत्र हुए है। उनमें से कई ने कहा कि गांव के बच्चों के लिए अद्वितीय बल “नई पीढ़ी के आदर्श हैं” और उन्हें फ्लाइट लेफ्टिनेंट के बलिदान पर गर्व है।इस घटना पर दुख जताते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा था कि राजस्थान में बाड़मेर के पास भारतीय वायुसेना के मिग-21 ट्रेनर विमान के दुर्घटना में दो वायु योद्धाओं के खोने से गहरा दुख हुआ। राष्ट्र के प्रति उनकी सेवा को कभी भुलाया नहीं जा सकेगा। दुख की इस घड़ी में मेरी संवेदनाएं शोक संतप्त परिवारों के साथ हैं। अद्वितीय बल के पिता ने भी सेना में सेवा दी थी। वायुसेना मुख्यालय दुर्घटना की जांच के आदेश दे चुका है। मिग-21, भारतीय वायु सेना के प्रमुख विमानों में से एक रहे हैं लेकिन पिछले काफी समय से इन विमानों का सुरक्षा रिकॉर्ड खराब है। मार्च में रक्षा राज्यमंत्री अजय भट्ट ने राज्यसभा में कहा था कि पिछले पांच वर्षों के दौरान तीनों सेनाओं में विमान और हेलीकॉप्टर दुर्घटना में 42 रक्षाकर्मियों की मौत हो चुकी है। गत पांच वर्षों में वायु दुर्घटनाओं की कुल संख्या 45 थी जिसमें से 29 में वायुसेना के कर्मी शामिल थे।

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