‘आप’ नेता संदीप भरद्वाज पंचतत्व में विलीन

राजनीति (अपराध):  आप नेता संदीप भारद्वाज द्वारा 24 नवम्बर को अपने निवास स्थान पर आत्म हत्या करने के उपरांत 25 नवम्बर को पंजाबी बाग शमशान घाट में उनके 20 वर्षीय पुत्र ने उन्हें मुखाग्नि दी।

संदीप भारद्वाज के अंतिम यात्रा में सभी वर्गों के लोग शामिल हुए और स्व. भारद्वाज के इस दुखद अंत पर अपनी संवेदना भारद्वाज परिवार के साथ व्यक्त करते हुए कहा कि संदीप एक शालीन व मिलनसार व्यक्तित्व के स्वामी के साथ, पार्टी के वफादार कार्यकर्ता थे।मोतीनगर विधानसभा क्षेत्र खासकर रमेश नगर निगम क्षेत्र व कीर्तिनगर निगम के साथ -साथ स्लम क्षेत्र पर उनकी पकड़ इतनी मजबूत थी कि वे भाजपा एवं कांग्रेस नेताओं के लिए सिरदर्द जहां बने रहते थे,

वहीं ‘आप’ जैसे नये दल के साथ शिव चरण गोयल जैसे नवनियुक्त विधायक को मजबूती

प्रदान करने का काम किया था जिस कारण संदीप भारद्वाज भाजपा – कांग्रेस के आंखों में खटक रहे थे वहीं आप कार्यकर्ताओं में धीरे-धीरे इतने लोकप्रिय हो उठे थे कि मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल, उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, मंत्री सतेन्द्र जैन, मंत्री गोपाल राय, मंत्री राजेन्द्र गौतम के साथ- साथ कुमार विश्वास व आप के अन्य बड़े नेता व संगठन के लोग उन्हें मोतीनगर विधान सभा क्षेत्र के भावी विधायक उम्मीदवार के रूप में देखने लगे थे. विगत निगम चुनाव में रमेशनगर महिलाओं के लिए आरक्षित होने के कारण संदीप भारद्वाज को निगम का टिकट नहीं मिला जबकि वे उस चुनाव में भी सशक्त दावेदार थे।

 

इस बार निगम चुनाव में उनकी टिकट पक्की मानी जा रही थी लेकिन अंतिम समय में इस क्षेत्र के जमीनी कार्यकर्ताओं की उपेक्षा कर एक नये व्यक्ति को आप द्वारा टिकट दिये जाने के बाद सभी कार्यकर्ता बागी हो उठे थे और अंत में सभी ने तय किया कि संदीप भारद्वाज निगम का चुनाव निर्दलीय लड़ेंगे और आप के सभी कार्यकर्त्ता उनका समर्थन करेगें। संदीप भारद्वाज ने एक वीडिओ जारी कर पार्टी विधायक व पार्टी को चुनौती देते हुए 19 तारीख को निर्दलीय पर्चा दाखिल करने की सारी तैयारी कर ली थी, उन्होनें कई मीडियाकर्मियों को भी नामांकन की सूचना देते हुए शामिल होने का आग्रह किया था। लेकिन ‘तबियत ख़राब होने के कारण’ संदीप भारद्वाज रात में अचानक बालाजी अस्पताल में अचानक भर्ती हो गये और नामांकन दाखिल नही कर सके ! स्वस्थ होने के बाद वे घर पर थे और एक दिन क्षेत्रीय विधायक के साथ बाहर निकले थे.24 नवम्बर को अकस्मात उनके द्वारा आत्महत्या किये जाने की खबर ने सभी को सकते में डाल दिया है। जितने मुहँ उतनी बातें कही जा रही है। संदीप भारद्वाज आखिर आत्महत्या करने पर क्यों विवश हुए ! यह पुलिस जाँच का विषय है, मुख्यमंत्री को सी.बी.आई से इस आत्महत्या कांड की जाँच की अनुशंसा करनी चाहिए ताकि सच्चाई सामने आ सके. वहीं अंतिम संस्कार के समय कार्यकर्ताओं में काफी आक्रोश शमशान घाट में भी देखने को मिला। भारी पुलिस बन्दोबस्त के बाद भी राज्यसभा सांसद व विधायक शमशान घाट नही पहुंचे, यह भी राज्य में चर्चा का विषय बना हुआ है.

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