Border Dispute के बीच गुजरात में मिले कर्नाटक और महाराष्ट्र के सीएम

राजनीति (DID News): कर्नाटक और महाराष्ट्र के बीच सीमा विवाद लगातार बढ़ता जा रहा है। सीमा विवाद की वजह से दोनों ही राज्यों में तनातनी की स्थिति देखने को मिली। दोनों ही राज्यों के मुख्यमंत्री और बाकी के नेताओं की ओर से एक दूसरे पर वार-पलटवार भी किया गया। इन सबके बीच आज महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई की मुलाकात हुई है। यह मुलाकात ऐसे समय में हुई है जब दोनों राज्यों की ओर से अपने-अपने दावे किए जा रहे हैं।

जानकारी के मुताबिक बसवराज बोम्मई और एकनाथ शिंदे गुजरात पहुंचे थे। आज गुजरात में भूपेंद्र पटेल का शपथ ग्रहण समारोह था। इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी पहुंचे थे। इसी समारोह में शामिल होने के लिए पहुंचे दोनों ही राज्यों की मुलाकात एयरपोर्ट के लाउंज में हुई है।

इस दौरान महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस भी मौजूद रहे। खबर यह भी है कि अमित शाह दोनों ही राज्यों के साथ 14 दिसंबर को बड़ी बैठक करेंगे। इस बात की जानकारी कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने दी है।

फिलहाल यह मामला सुप्रीम कोर्ट में है। लेकिन कहीं ना कहीं सीमा पर तनाव की वजह से दोनों राज्यों में कानून व्यवस्था की स्थिति बिगड़ती हुई दिखाई दे रही है। कर्नाटक में महाराष्ट्र से जाने वाली बसों पर पथराव हुआ तो वहीं महाराष्ट्र में कर्नाटक से आने वाली बसों पर पथराव की खबर आई। दोनों ओर से एक दूसरे का विरोध प्रदर्शन भी किया गया। वहीं, महाराष्ट्र के वरिष्ठ नेता शरद पवार ने भी साफ तौर पर कह दिया कि हमारे धैर्य की परीक्षा नहीं दी जानी चाहिए।

कर्नाटक और महाराष्ट्र के बीच का सीमा विवाद का मुद्दा संसद में भी उठाया। विपक्षी दल लगातार इसमें केंद्र सरकार के हस्तक्षेप की मांग कर रहे हैं। दोनों ओर से दावा किया जा रहा है कि हम 1 इंच भी जमीन नहीं छोड़ेंगे। महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने शनिवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को महाराष्ट्र-कर्नाटक के बीच सीमा विवाद के मुद्दे पर अपने रुख को साफ करना चाहिए। महाराष्ट्र और कर्नाटक के बीच सीमा विवाद दोनों राज्यों के सीमावर्ती क्षेत्रों से हिंसा की घटनाओं की सूचनाएं आने के बाद गहरा गया है।

यह विवाद 1957 में भाषाई आधार पर राज्यों का पुनर्गठन करने के बाद से ही है। महाराष्ट्र कर्नाटक के बेलगावी पर दावा करता है जो भूतपूर्व बम्बई प्रेसिडेंसी का हिस्सा था, क्योंकि वहां पर मराठी भाषी लोगों की संख्या अच्छी खासी है। महाराष्ट्र का कर्नाटक के मराठी भाषी 814 गांवों पर भी दावा है।

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