गुजरात में दर्ज की गई अपराध में कमी

गुजरात और महाराष्ट्र (DID News): नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) हर साल सभी राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों में अपराध से संबंधित जानकारी एकत्रित कर ‘क्राइम इन इंडिया’ नामक पुस्तिका जारी करता है। इसमें प्रति एक लाख आबादी के सापेक्ष अपराधों की संख्या को अपराध दर (क्राइम रेट) कहा जाता है। ‘क्राइम इन इंडिया 2021’ के आंकड़ों के अनुसार गुजरात में विभिन्न प्रकार के अपराधों में राष्ट्रीय औसत की तुलना में उल्लेखनीय कमी नजर आई है। यह मुख्यमंत्री श्री भूपेंद्र पटेल की सरकार द्वारा किए गए उल्लेखनीय कानूनी संशोधन और मजबूत नेतृत्व के कारण संभव हुआ है।

हत्या, हत्या का प्रयास, बलात्कार, अपहरण और लूट जैसे हिंसक अपराधों के मामले में गुजरात का क्राइम रेट 11.9 है, जो देश के क्राइम रेट 30.2 की तुलना में बहुत कम है। इसके अलावा, वर्ष 2021 में गुजरात में हत्या का क्राइम रेट 1.4 है, जो राष्ट्रीय औसत 2.1 की तुलना में कम है। अपहरण के अपराधों के मामले में गुजरात का क्राइम रेट 2.3 है, जो राष्ट्रीय औसत 7.4 से कम है। यदि गुजरात में अपहरण के अपराधों के क्राइम ट्रेंड को देखें तो पिछले वर्षों की तुलना में इसमें लगातार कमी दर्ज की गई है।

वर्ष 2018 में यह आंकड़ा 3.0 था, 2019 में 2.7 और वर्ष 2021 में 2.3 रहा है। महिलाओं के विरुद्ध अपराध के मामले में गुजरात का क्राइम रेट 22.1 है, जो ऑल इंडिया क्राइम रेट 64.5 की तुलना में बहुत कम है। आसाम (168.3), दिल्ली (147.6), तेलंगाना (119.7), राजस्थान (105.4), पश्चिम बंगाल (74.6) और केरल (73.3) जैसे अन्य राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों की तुलना में गुजरात में महिलाओं के खिलाफ अपराध की दर काफी कम है।

दूसरे एक उल्लेखनीय सुधार के अंतर्गत मानव शरीर के खिलाफ अपराध (हत्या, हत्या का प्रयास, गंभीर रूप से घायल और बलात्कार आदि) के मामले में राष्ट्रीय औसत क्राइम रेट 80.5 की तुलना में गुजरात का क्राइम रेट 28.6 रहा है। इस तरह के अपराध के क्राइम रेट में कुल 36 राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों में गुजरात का स्थान 31वां रहा है। चोरी के अपराध में गुजरात का क्राइम रेट 15.2 है, जो राष्ट्रीय क्राइम रेट 42.9 के मुकाबले काफी कम है और इस सूची में गुजरात 27वें नंबर पर है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *