श्री दिनेश तंवर प्रधान , वरिष्ठ संपादक ललित ‘सुमन’ चुने गए महासचिव , के. श्रीधरन नायर बने कोषाध्यक्ष
दिल्ली / एनसीआर (DID News): 1914 में स्थापित श्री मोती नाथ संस्कृत महाविद्यालय, प्राचीन सूर्य मंदिर रमेश नगर, शहीद स्मारक रमेश नगर, श्री मोती नाथ महाविद्यालय छात्रवास, महिला सिलाई केंद्र , शंकर औषधालय गौशाला के संस्थापक रहे स्वतंत्रता सेनानी ब्रह्मलीन योगी रामनाथ शास्त्री जी द्वारा स्थापित श्री शिवनाथ योगाश्रम (रजि.) समिति का चुनाव एडवोकेट राजकुमार गुप्ता चुनाव अधिकारी की देख रेखा में, आज श्री शिवनाथ योगाश्रम कार्यालय में शांतिपूर्ण वातावरण में सर्वसम्मति से संपन्न हुआ।
इस अवसर पर श्री शिवनाथ योगाश्रम (रजि.) के नई समिति के प्रधान श्री दिनेश तंवर, उपप्रधान-डॉ महेश मावी, महासचिव-वरिष्ठ संपादक ललित ‘सुमन’ एवं कोषाध्यक्ष-शिक्षाविद के. श्रीधरन नायर को सर्वसम्मति से चुना गया और अधिवक्ता राजकुमार गुप्ता, सुधीर अवाना, अनिल गुप्ता, प्रमोद कुमार मावी, सुदेश कुमार तंवर, प्रेम प्रकाश तंवर सभी सदस्यों ने नयी समिति पर विश्वास जताते हुए कहा कि स्वतंत्रता सेनानी ब्रह्मलीन योगी रामनाथ शास्त्री जी के सपनों के अनुसार नयी समिति संस्था को आगे बढ़ाने का काम करेगा।
साथ ही, पूर्व के वर्षों की भांति देश की आजादी के लिए बलिदान देने वाले वीर बलिदानी यों के लिए वंशजों को बुलाकर जहां सम्मानित करने का काम किया जाता रहेगा, वहीं श्री शिवनाथ योगाश्रम (रजि.) अपनी संस्था की अधिक्रमित भूमि को मुक्त कराने के लिए न्यायालय एवं संबंधित विभाग के माध्यम से अपना संघर्ष जारी रखेगा।
चुनाव के उपरांत सभी सदस्यों एवं पदाधिकारियों ने कहा कि श्री शिवनाथ योगाश्रम (रजि.) की भूमि में जो किराएदार रह रहे हैं और सूर्य मंदिर छात्रवास, शहीद स्मारक श्री मोती नाथ संस्कृत कॉलेज आदि के उत्थान में अपना सहयोग देते आ रहे हैं वैसे परिवारों को 9 अगस्त को आयोजित होने वाले राष्ट्र सर्वप्रथम, वंदे मातरम, जाग उठा है भारत, भारत उत्सव, तिरंगा यात्रा के मंच पर सम्मानित किया जाएगा और उन्हें सम्मान पत्र मुख्य अतिथि के हाथों से प्रदान किया जाएगा।
सभी सदस्यों एवं नवनिर्वाचित पदाधिकारियों ने निर्वाचन उपरांत सभी सदस्यों को आश्वस्त किया कि जिस संस्था के अध्यक्ष गोरखपुर के गोरखनाथ मंदिर के सर्वेसर्वा लोकसभा सांसद अवैद्य नाथ जी महासचिव निगम पार्षद स्वर्गीय मंगत राम तंवर एवं जिस संस्कृत कॉलेज की सेवा में राष्ट्रपति पदक से सम्मानित स्वर्गीय वेदानंद झा, संस्कृत के विद्वान प्राचार्य स्व. मित्र नाथ योगी आदि रह चुके हैं उस संस्था की गरिमा को आने वाले समय में पुनः स्थापित किया जाएगा, ताकि संस्कृत व संस्कृति की रक्षा हो सके।