उत्तराखंड के जोशीमठ की दरारें तो अभी सुर्खियां बनी ही हुई थीं कि अब राज्य के कर्णप्रयाग में बहुगुणा नगर के कई घरों में भी दरारें दिखाई दिये जाने से हड़कंप मच गया है। स्थानीय लोगों का कहना है कि एक साल से घर में दरारें आनी शुरू हुई हैं इसके लिए हमने प्रशासन से भी बात की तो उन्होंने इसके लिए सिर्फ 5,200 रुपए दिए हैं। वहीं प्रशासन का कहना है कि मानसून के समय से पूरा क्षेत्र प्रभावित रहा है। तहसीलदार का कहना है कि बारिश के मौसम में पानी घरों में घुस जाता था और यहां भू-धंसाव की स्थिति बनी हुई थी। इसलिए हमने अगस्त और सितंबर में संयुक्त निरीक्षण किया था और 27 भवनों की सूची ज़िला कार्यालय को दी थी।वहीं मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज फिर से जोशीमठ का दौरा किया। इस बीच उनके कार्यालय ने बताया कि मुख्यमंत्री के द्वारा दिए गए निर्देशों का अनुपालन करते हुए प्रभावित परिवारों को तात्कालिक तौर पर ₹1.5 लाख की धनराशि अंतरिम सहायता के रूप में दी जा रही है। मुख्यमंत्री कार्यालय ने कहा कि कि हमारी सरकार स्थानीय लोगों के हितों का पूरा ध्यान रख रही है। भू-धंसाव से जो स्थानीय लोग प्रभावित हुए हैं उनको बाजार दर पर मुआवजा दिया जाएगा। बाजार की दर हितधारकों के सुझाव लेकर और जनहित में ही तय की जाएगी। इस बीच, जिला मजिस्ट्रेट ने जोशीमठ में भूमि धंसने के कारण क्षतिग्रस्त हुए घरों के लोगों के साथ बैठक कर उनकी मांगों को समझा है साथ ही खतरनाक घोषित हो चुके भवनों को गिराने के लिए भी लोगों को मना लिया गया है। चमोली में एसडीआरएफ के कमांडेंट मणिकांत मिश्रा ने कहा है कि यहां पुलिस, SDRF, NDRF और CBRI की टीम पहुंच चुकी है। होटल के मालिक को कुछ बिंदुओं पर संदेह था और वह करीब-करीब समाप्त हो गया है। उन्होंने कहा कि भवन को गिराने में हैवी मशीनों का प्रयोग नहीं किया जा सकता। इसमें ज्यादातर हाथ से चलने वाली मशीनों का ही प्रयोग किया जाएगा।इस बीच, जोशीमठ के लोगों को राहत और बचाव के लिए देशभर से सहायता भी भेजी जा रही है। इसी कड़ी में हरिद्वार के लोगों ने आज राहत सामग्री भेजी। हरिद्वार के नायब तहसीलदार रमेश चंद नौटियाल ने कहा कि हमने विभिन्न व्यापारियों से सामग्री एकत्रित कर 5 ट्रकों में करीब 2350 कंबल, 900 पैकेट राशन जिसमें 5-5 किलो आटा-चावल, सबके लिए 1 लीटर खाद्य तेल और अन्य सामग्री जोशीमठ भेज रहे हैं। उन्होंने कहा कि मेडिकल सामान के लिए अलग वाहन तैयार किए जा रहे हैं।