आतंकी गतिविधियों में संलिप्तता के कारण ‘पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया’ (पीएफआई) और उससे संबद्ध कई अन्य संगठनों के खिलाफ दो दिन की देशव्यापी छापेमारी के बाद मोदी सरकार ने बड़ा फैसला करते हुए पीएफआई और अन्य कई संगठनों पर पांच साल के लिए प्रतिबंध लगा दिया है। इस फैसले का राजनीतिक दलों और विश्व हिन्दू परिषद तथा अन्य धार्मिक समूहों ने भी स्वागत किया है। हम आपको बता दें कि पीएफआई की देशविरोधी गतिविधियां बढ़ती जा रही थीं जिसको देखते हुए इस पर प्रतिबंध की मांग लंबे समय से की जा रही थी। पीएफआई जिस तरह 2047 तक भारत को इस्लामिक राज में परिवर्तित करने के मिशन पर आगे बढ़ रहा था उसके चलते इस संगठन से जुड़े लोगों ने हाल के दिनों में कई भयावह वारदातों को भी अंजाम दिया था। इसके बाद एनआईए समेत कई सुरक्षा एजेंसियों और राज्यों की पुलिस के एटीएस की ओर से देशभर में पीएफआई से संबद्ध ठिकानों पर छापेमारी की गयी और करीब 400 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया साथ ही कई दर्जन संपत्तियों को जब्त किया गया। इसके बाद केंद्र सरकार ने यह बड़ा कदम उठाया है।