PM मोदी ने मंगलुरु में 3800 करोड़ के लॉन्च किए मेगा प्रोजेक्ट

देश – विदेश (DID News): प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलुरु में विभिन्न परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई समेत कई पदाधिकारी मौजूद रहे। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत की समुद्री ताकत के लिए बहुत बड़ा दिन है। राष्ट्र की सैन्य सुरक्षा हो या फिर राष्ट्र की आर्थिक सुरक्षा भारत आज बड़े अवसरों का साक्षी बन रहा है। अब से कुछ समय पहले कोच्चि में भारत के पहले स्वदेश एयरक्रॉफ्ट कैरियर के लोकार्पण ने हर भारतीय को गर्व से भर दिया है और अब मैंगलुरू में 3800 करोड़ रुपए से ज्यादा की परियोजनाओं का लोकार्पण, शिलान्यास और भूमि पूजन हुआ है।

उन्होंने कहा कि ऐतिहासिक मैंगलुरू पोर्ट की क्षमता के विस्तार के साथ-साथ रिफायनरी और हमारे मछुआरे साथियों की आय बढ़ाने के लिए अनेक परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास भी हुआ है। इन परियोजनाओं के लिए मैं कर्नाटकवासियों को और आप सभी को बहुत-बहुत बधाई देता हूं। इन परियोजनाओं से कर्नाटक में व्यापार, कारोबार, उद्योग को और भी ज्यादा ताकत मिलेगी।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि स्वतंत्रता दिवस पर इस बार मैंने जो पंच प्राणों की बात की है। उनमें से सबसे पहला विकसित भारत का निर्माण है। विकसित भारत के निर्माण के लिए देश के मैनुफ्रैक्चरिंग सेक्टर का, मेक इन इंडिया का विस्तार करना बहुत जरूरी है। इसके लिए हमारा निर्यात बढ़े, दुनिया में हमारा प्रोडक्ट कास्ट के मामले में कम्पटीटिव हो ये सस्ते और सुगम तार्किक के बिना संभव नहीं है। इसी सोच के साथ देश के इंफ्रास्ट्रक्चर पर अभूतपूर्व काम हो रहा है।

बंदरगाहों की क्षमता हुई दोगुनी

उन्होंने कहा कि पिछले वर्षों में राष्ट्र ने बंदरगाह के नेतृत्व वाले विकास को एक महत्वपूर्ण मंत्र बनाया है। इन प्रयासों के परिणामस्वरूप पिछले 8 वर्षों में भारतीय बंदरगाहों की क्षमता दोगुनी हो गई है। यानी साल 2014 तक हमारे यहां जितने बंदरगाह बनाए गए थे, पिछले 8 वर्षों में उतने ही नए जोड़े गए हैं। मैंगलुरू बंदरगाह में टेक्नालॉजी से जुड़ी नई सुविधाएं जोड़ी गई है, इससे कैपेसिटी बढ़ने वाली है।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि अमृतकाल में भारत ग्रीन ग्रोथ और ग्रीन जॉब्स की प्रतिबद्धता के साथ आगे बढ़ रहा है। रिफाइनरियों में जोड़ी गई नई सुविधाएं हमारी प्राथमिकताओं को दर्शाती हैं। उन्होंने कहा कि कर्नाटक सागरमाला परियोजना के सबसे बड़े लाभार्थियों में से एक है। राष्ट्रीय राजमार्ग के क्षेत्र में पिछले 8 वर्षों में 70,000 करोड़ रुपए की परियोजनाओं पर काम चल रहा है। इसके अलावा एक लाख करोड़ रुपए से अधिक की परियोजनाएं पाइपलाइन में हैं।

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