Sandeep Singh का CM खट्टर ने किया बचाव

राजौरी/जम्मू। जम्मू कश्मीर के राजौरी जिले में दो आतंकवादी घटनाओं में मारे गए दो नाबालिग चचेरे भाई-बहनों सहित छह लोगों को मंगलवार को उनके पैतृक स्थान पर अश्रुपूर्ण और भावनात्मक विदाई दी गई। सरकारी उच्च माध्यमिक स्कूल में रखे गए पार्थिव शरीरों के अंतिम दर्शन के लिए सैकड़ों शोक-संतप्त लोग फूल और मालाएं लिए कतारबद्ध थे। शवों को रात में सरकारी उच्च माध्यमिक स्कूल में रखा गया था। धनगड़ी गांव में हुए आतंकी हमले में मारे गए छह लोगों के शवों को अंतिम संस्कार के लिए श्मशान घाट लाया गया।

इस दौरान बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे और उन्होंने आतंकवाद विरोधी नारे लगाए। चार साल के विहान शर्मा, 16 साल की समीक्षा शर्मा, सतीश कुमार (45), दीपक कुमार (23), प्रीतम लाल (57) और शिशु पाल (32) के शवों का अंतिम संस्कार धंगरी श्मशान घाट पर किया गया। अधिकारियों ने कहा कि कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच अंतिम संस्कार हुआ। उन्होंने बताया कि राजौरी शहर और आसपास के इलाकों में सुरक्षा बढ़ा दी गई है। उन्होंने कहा कि हत्याओं में शामिल आतंकवादियों को पकड़ने के लिए घेराबंदी और तलाशी अभियान जारी है।

पुलिस ने भीषण हमलों में शामिल आतंकवादियों के बारे में विशिष्ट जानकारी साझा करने वाले को 10 लाख रुपये का इनाम देने की घोषणा की है। इस बीच, वरिष्ठ अधिकारी के नेतृत्व में एनआईए की एक टीम ने दो आतंकी घटनाओं की प्रारंभिक जांच करने के लिए आज दोपहर धंगरी गांव का दौरा किया। यहां रविवार और सोमवार को हमले में 11 लोग घायल भी हुए थे। पुलिस महानिदेशक दिलबाग सिंह, भाजपा जम्मू-कश्मीर प्रमुख रविंदर रैना, एडीजीपी मुकेश सिंह और संभागीय आयुक्त (जम्मू) रमेश कुमार ने सैन्य अधिकारियों और जिला प्रशासन के अधिकारियों के अलावा अंतिम संस्कार में भाग लिया।

उन्होंने पार्थिव शरीर पर माल्यार्पण किया और दिवंगत व्यक्तियों को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। सोमवार को एक आईईडी (विस्फोटक उपकपरण) विस्फोट से दो चचेरे भाई-बहन की मौत हो गई थी। रविवार शाम को राजौरी जिले के इलाके में आतंकवादियों ने तीन घरों में गोलीबारी की जिसमें चार नागरिकों की मौत हो गई और छह घायल हो गए थे। हमलों के विरोध में किश्तवाड़ जिले में मंगलवार को बंद रखा गया है। शहर में दुकानें और व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद रहे और सड़कों से यातायात आंशिक रूप से नदारद रहा। संगठन के एक नेता ने कहा, “सनातन धर्म सभा ने हत्याओं के विरोध में बंद का आह्वान किया। इसका उद्देश्य लोगों की सुरक्षा और सुरक्षा के बारे में सरकार को संवेदनशील बनाना था।

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