पूर्व केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने बृहस्पतिवार को कहा कि वह मंत्री के रूप में अपने कार्यकाल से संतुष्ट हैं और पद पर रहते हुए उन्होंने यह सुनिश्चित करने का प्रयास किया कि अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय पूर्णकालिक काम करे और महज ‘प्रतीकात्मक’ नहीं रहे। नरेंद्र मोदी मंत्रिमंडल से बुधवार को इस्तीफा देने वाले नकवी ने बातचीत में यह भी कहा कि फिलहाल संसद का सफर पूरा हुआ है, लेकिन वह अपना सियासी एवं सामाजिक सफर जारी रखते हुए बतौर कार्यकर्ता भारतीय जनता पार्टी के लिए काम करेंगे और यह प्रयास करेंगे कि पार्टी की सभी वर्गों में स्वीकार्यता और पहुंच हो।
उन्होंने कहा, ‘‘जो संसद का सफर है वो जरूर पूरा हुआ है, लेकिन सियासी और सामाजिक सफर जारी रहेगा। सितारों के आगे जहां और भी है, अभी वक्त के इम्तहां और भी हैं।’’ उनका कहना था कि पूरी प्रतिबद्धता और मजबूती के साथ वह समाज के हितों के लिए जिस तरह से काम करते रहें हैं, उसी तरह आगे भी करते रहेंगे। भविष्य की जिम्मेदारियों की संभावना से जुड़े सवाल पर नकवी ने कहा, ‘‘जिम्मेदारी मिलना महत्वपूर्ण नहीं है, जिम्मेदारी महसूस करना महत्वपूर्ण है। आपके सिर पर जिम्मेदारी का बोझ हो और आप जिम्मेदारी महसूस नहीं करें, यह महत्वपूर्ण नहीं है।
आपके कंधों पर जिम्मेदारी का बोझ हो और जिम्मेदारी महसूस करें, ये महत्वपूर्ण है। इसी दिशा में काम किया है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘समाज के पिछड़े तबके, कमजोर तबके, दस्तकार, शिल्पकार, कारीगर और जो आखिरी पायदान पर खड़े लोग हैं, वो प्रगति की मुख्यधारा में शामिल हों, उनमें भेदभाव के बिना विकास का अहसास हो, इसके लिए काम करते रहें हैं और करते रहेंगे।’’
नकवी ने विशेष रूप से कहा, ‘‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘परिक्रमा पॉलिटिक्स’ की संस्कृति को समाप्त करके परिश्रम को परिणाम में बदलने वाली संस्कृति स्थापित की है। आने वाले दिनों में देश और आगे की सरकारों के लिए यह आदर्श रहेगा।’’ यह पूछे जाने पर कि क्या वह भाजपा में कोई भूमिका निभाएंगे तो उन्होंने कहा, ‘‘मैं पार्टी के लिए लगातार काम करूंगा और एक कार्यकर्ता के नाते मैं जो भी कर सकता हूं, वो मजबूती के साथ करूंगा। पार्टी की सभी वर्गो में स्वीकार्यता हो, पार्टी की सभी वर्गों में पहुंच सके, इसके लिए काम करूंगा।’’
मंत्री के रूप में कार्यकाल के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘‘मैं बहुत संतुष्ट हूं। जितनी भी कोशिश कर सकते हैं वो की। कोशिश की है कि अल्पंसख्यक कार्य मंत्रालय एक अल्पकालिक मंत्रालय न होकर पूर्णकालिक मंत्रालय के तौर पर काम करे, यह प्रतीकात्मक नहीं रहे, लोगों को फायदा पहुंचे।’’ उनका कहना था, ‘‘हमारे इस आठ वर्षों के कार्यकाल में साढ़े पांच करोड़ छात्रवृत्ति दी गईं। इससे पहले 70 साल में सिर्फ तीन करोड़ छात्रवृत्ति दी गई थीं। इसके अलावा हुनर हाट और दूसरे काम किए गए।’’ नकवी ने बुधवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया था।