दुश्मन के नापाक इरादों का सूरज होगा अस्त

देश – विदेश (DID News):  देवाधिदेव भगवान शिव के अस्त्र के नाम पर अब भारत में एक रॉकेट सिस्टम बनाया जा रहा है। यह एक लंबी दूरी की निर्देशित रॉकेट प्रणाली है। जिसका नाम महेश्वरास्त्र होगा। पौराणिक कथाओं में वर्णित है कि महादेव के पास भी ऐसा ही एक अस्त्र था। जिसमें उन्हें तीसरे नेत्र की शक्ति प्राप्त थी। किसी को भी जलाकर भस्म करने की उसमें शक्ति थी। अभी जो रॉकेट तैयार हो रहा है, उसे आप देसी हिमार्स भी कह सकते हैं।

रिपोर्ट के मुताबिक, महेश्वरास्त्र को सोलर इंडस्ट्रीज नाम की कंपनी डेवलप कर रही है। मीडिया से बात करते हुए कंपनी के अध्यक्ष सत्यनारायण नुवाल ने बताया है कि यह सच है कि हमने इस अस्त्र का नाम भगवान शिव के अस्त्र से लिया है।इसकी ताकत भी उतनी ही होगी। यह एक निर्देशित रॉकेट प्रणाली है। हम इसके दो संस्करण महेश्वरास्त्र-1 और महेश्वरास्त्र-2 विकसित कर रहे हैं। पहले वर्जन की रेंज 150 किलोमीटर होगी, जबकि दूसरे वर्जन की रेंज 290 किलोमीटर होगी।

सत्यनारायण नुवाल ने बताया है कि यह हथियार डेढ़ साल में बनकर तैयार हो जाएगा। वर्तमान में इस परियोजना पर 300 करोड़ रुपये खर्च किए जा चुके हैं और इसका विकास कार्य युद्ध स्तर पर चल रहा है।

इसकी गति इस हथियार की सबसे बड़ी मारक क्षमता है। यह ध्वनि की गति से चार गुना अधिक गति से दुश्मन की ओर छलांग लगाएगा। यानी 5,680 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से। यानी एक सेकेंड में यह करीब डेढ़ किलोमीटर तक पहुंच जाएगी। आप महेश्वरास्त्र-1 को ‘देसी हिमार्स’ कह सकते हैं। वहीं, इसका दूसरा वर्जन ब्रह्मोस मिसाइल टक्कर का होगा। जो पलक झपकते ही दुश्मन का सफाया कर देगा।

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