प्यार में पाकिस्तान पहुंचीं अंजू का परिवार बेहद आहत! पुलिस जाजूसी एंगल से भी कर रही है मामले की जांच

एक ऐसे देश में, जो मित्रवत पड़ोसी नहीं है। भारत और पाकिस्कान के बीच करीब चार बार युद्ध हो चुका है और दोनों देशों के बीच तनावपूर्ण रिश्ते हैं लेकिन प्यार ये सब कहां देखता है। कहते है कि प्यार तो अंधा होता है। प्यार के लिए बाधाओं का सामना करने और सीमाओं को पार करने के लिए साहस की आवश्यकता होती है। भले ही यह ‘सात समंदर पार’ न हो, फिर भी इसमें बहुत सारे जोखिम और कलंक जुड़े हुए हैं। तभी तो राजस्थान के भिवाड़ी की अंजू नाम की महिला अपने प्रेमी से मिलने के लिए सीमा पार कर जाने को लेकर सुर्खियां बटोर रही है। इस कदम को उठाने के बाद अंजू की पाकिस्तान से आयी सीमा हैदर के साथ उनकी तुलना होनी शुरू हो गयी है। पाकिस्तानी महिला सीमा हैदर अपने PUBG प्रेमी के साथ रहने के लिए भारत में घुस आई थी।

फेसबुक मित्र से मिलने पाकिस्तान चली गयी बलिया के खरगपुरा गांव की बहू

भारतीय महिला अंजू के अपने फेसबुक मित्र से मिलने के लिए पाकिस्तान जाने की घटना के बाद से बलिया जिले में स्थित उसका ससुराल खरगपुरा गांव चर्चा में आ गया है, लेकिन यहां के लोग अपने गांव की बहू के इस कदम से नाखुश हैं। वे इस बात से दुखी हैं कि उनका गांव गलत वजह से चर्चा में है। खरगपुरा अंजू के पति अरविंद का पैतृक गांव है।

 

अंजू से शादी नहीं करेगा नसरुल्ला

अंजू के पाकिस्तानी मित्र नसरुल्ला ने सोमवार को कहा था कि अंजू वीजा की अवधि पूरी होने पर 20 अगस्त को स्वदेश लौट जाएगी। नसरुल्ला ने अंजू से प्रेम संबंध होने के दावों को भी खारिज कर दिया है। नसरुल्ला (29) ने कहा कि उसकी 34 वर्षीय अंजू से विवाह करने की कोई योजना नहीं है। नसरुल्ला और अंजू की दोस्ती 2019 में फेसबुक के माध्यम से हुई थी। उत्तर प्रदेश के कैलोर गांव में जन्मी अंजू राजस्थान के अलवर में रहती है। अंजू की 15 साल की बेटी और छह साल का बेटा है। उसका ससुराल बलिया जिला मुख्यालय से तकरीबन 40 किलोमीटर दूर रसड़ा-मऊ राजमार्ग से सटे खरगपुरा गांव में है।

 

अंजू के पाकिस्तान जाने से दुखी हैं उसके ससुराल खरगपुरा गांव के लोग

बलिया के जिलाधिकारी रविंद्र कुमार ने कहा, हमें मीडिया के जरिए इस मामले की जानकारी मिली। इस मामले में पुलिस से जानकारी प्राप्त की जा रही है। रसड़ा के पुलिस क्षेत्राधिकारी (सीओ) मोहम्मद फहीम कुरैशी ने मंगलवार को बताया कि अरविंद मूल रुप से बलिया जिले के रसड़ा थाना क्षेत्र में परसिया ग्राम सभा के खरगपुरा का निवासी है, लेकिन उसका परिवार राजस्थान में ही रहता है। सीओ कुरैशी ने बताया कि अरविंद का जन्म पैतृक गांव में हुआ था और वह ईसाई धर्म स्वीकार कर चुका है। उन्होंने बताया कि अरविंद के पिता शिवनाथ भिवाड़ी में काम करते थे और उसका अपने पैतृक गांव से कोई जुड़ाव नहीं रहा। 2014 के बाद से अरविंद कभी अपने पैतृक गांव नहीं आया है। सीओ ने बताया कि पुलिस सोमवार को खरगपुरा गई थी और उसने अरविंद को लेकर प्रारंभिक छानबीन की।

 

केवल एक बार देवर की शादी में शामिल होने गांव आयी थी अंजू

उन्होंने बताया कि अंजू, अरविंद के साथ केवल एक बार अपने देवर अनूप की शादी में शामिल होने के लिए 2014 में खरगपुरा आई थी। रिश्ते में अंजू की सास लगने वाली सुभावती ने बताया कि अरविंद के पिता शिवनाथ एवं मां ललिता देवी की मौत हो चुकी है। अरविंद की चाची सुभावती अपने बेटे कुणाल के साथ गांव में रहती है। सुभावती ने बताया कि अरविंद एवं अंजू की शादी 2007 में राजस्थान के भिवाड़ी में हुई थी और अंजू पहली बार 2014 में रिश्ते के अपने देवर अनूप की शादी में शामिल होने के लिए अपने ससुराल आई थी। सुभावती ने बताया कि उन्हें समाचार चैनलों से अंजू के पाकिस्तान जाने की खबर मिली और वह इस घटना से ‘‘बहुत दुखी’’ हैं। अंजू के चचेरे देवर कुणाल ने बताया कि अंजू से उसकी मुलाकात 2014 में चचेरे भाई अनूप के विवाह समारोह में हुई थी। तब उसे अंजू का स्वभाव अच्छा लगा था।

 

देवर ने कहा भाभी को ऐसा नहीं करना चाहिए था

कुणाल ने कहा कि अंजू अपने दो बच्चों व पति को छोड़कर दुश्मन देश पाकिस्तान जा सकती है, ऐसा उसने कभी सोचा नहीं था। उसने बताया कि उसे व‌ उसके परिवार को अंजू के पाकिस्तान जाने की जानकारी फोन व समाचार चैनलों से हुई। कुणाल ने कहा कि उसे इस खबर से दुख हुआ है। उसने कहा, मैं दुखी हूं कि हमारे खानदान में ऐसा हो रहा है। भाभी को ऐसा नहीं करना चाहिए था। अंजू के पति अरविंद ने राजस्थान के भिवाड़ी में संवाददाताओं से कहा कि उसकी पत्नी जयपुर जाने की बात कहकर घर से निकली थी लेकिन बाद में उसके पाकिस्तान में होने की जानकारी मिली। खरगपुरा गांव निवासी चंद्रमा ने कहा, ‘‘अंजू ने ऐसा करके गलती की है।’’ खरगपुरा गांव के एक अन्य व्यक्ति अरविंद ने कहा कि उसे अंजू के पाकिस्तान जाने की जानकारी सोशल मीडिया के माध्यम से मिली और उसे यह जानकर अच्छा नहीं लगा कि उसका गांव ‘‘गलत वजह से चर्चा में आ गया है।

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